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कहाऊँ स्तम्भ एवं क्षेत्रीय पुरातत्व की खोज से समाप्त हो गया।
पण्डित बलभद्र ने इस स्तम्भ की फोटो दिखाई है जिसमें स्तम्भ के सामने दरवाजे पर एक खम्भा एवं पीछे आम के बगीचे का झुरमुट दिखाई दे रहा है । यह खम्भा फर्श बनाते समय हटाया गया होगा । अब सन् २००१ में वहाँ फर्श बाउण्ड्रीवाल व लोहे का दरवाजा पश्चिममुखी था । यह दीवार भी जगह-जगह खराब हो रही
थी।
(२) स्तम्भ के पास मन्दिर-बुकनान ने करनाई नाम के तालाब के पास एक ईंटों से बना मन्दिर देखा जिसमें दो खण्ड थे एवं ऊपर में गुम्बज था । इसका चित्र भी इन्होंने बनाया । ऊपर के खण्ड में कोई मूर्ति नहीं थी व नीचे के खन में एक खड्गासन खण्डित मूर्ति देखी एवं एक और मूर्ति देखी जो अत्यधिक बिगड़ चुकी थी एवं किसी चौपाये की लग रही थी।
लिस्टन ने इस मन्दिर का कोई वर्णन नहीं किया ।
जनरल कनिंघम ने लिखा है कि यह मन्दिर उस समय मौजूद नहीं था । उनके बताये अनुकूल लिस्टन ने भी इसका वर्णन नहीं किया जिससे स्पष्ट है कि लिस्टन के समय से पूर्व ही यह टूट चुका था । कनिंगहम ने खुदाई से ज्ञात किया कि इस मन्दिर का नाप अन्दर-अन्दर ९'x९' था, दीवारें १' - ९' मोटी थीं। इस प्रकार बाहर-बाहर नाप १२'-६' x १२'-६' हुआ | बुकनान के बनाये चित्र पर यह नाप लगाने से मन्दिर की ऊँचाई ३०' निकाली, कनिंघम ने । दक्षिण के ध्वस्त मन्दिर के ढेर पर कनिंघम ने एक आदम कद खड्गासन मूर्ति देखी ।
पण्डित बलभद्र ने इस मन्दिर का वर्णन इस प्रकार किया है-एक टूटे-फूटे कमरे में जिस पर छत नहीं है, एक दीवार में आलमारी बनी हुई है । इसमें पाँच फुट सिलेटी वर्ण की तीर्थंकर प्रतिमा कायोत्सर्ग मुद्रा में अवस्थित है । प्रतिमा का एक हाथ कुहनी से खण्डित है। दोनों पैर खण्डित हैं । बाँह और पेट क्रेक हैं । छाती से नीचे पेट का भाग काफी घिस गया है । मुख ठीक है । ग्रामीण लोग तेल-पानी से इसका अभिषेक करते हैं इस कमरे के बाहर चबूतरे पर एक भग्न मूर्ति पड़ी हुई है । यह खड्गासन है । यह तीर्थंकर मूर्ति है । रंग सिलेटी है तथा अवगाहना ४ फुट के लगभग है। यह खड्गासन है। यह इतनी घिस चुकी है इसका मुख तक पता नहीं चलता। मूर्ति के पाषाण में पर्ते निकलने लगी हैं।
अब वर्ष २००१ में यह मन्दिर नया बन चुका था । खड्गासन मूर्ति ५ फुट ऊँची पार्श्वनाथ स्वामी की है एवं इस मन्दिर के पश्चिम की दीवार में जड़ दी गयी है। अन्य अत्यन्त घिसी मूर्ति का पत्थर बाहर से उठा कर अन्दर मन्दिर में इस लेखक द्वारा रखवा दिया गया है ।
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