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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - और एक पुरुष के साथ नौ की संख्या में मौत की करुण घटना घटी, जिसकी खबर टी.वी. समाचार के माध्यम से चारों ओर फैल गयी।
किन्तु... इस आश्चर्यकारी बचाव के बाद जैसे ही मन कुछ स्वस्थता का अनुभवी बना कि ख्याल में आया कि जिस नवकार के चमत्कार से मैं स्वयं बच गया उस नवकार मंत्र से सम्बंध रखने वाली चित्र-विचित्र घटनाएं साथ में घटी थीं। जैसलमेर हमारे यात्रा प्रवास में स्पर्शित 68वां तीर्थ था, जो नवकार के 68 अक्षर के साथ मेल रखता था। बस का नम्बर था GRX-9 और दुर्घटना के शिकार बने ठीक 9 यात्री जिसका सम्बंध नवकार मंत्र के नौ पदों के साथ था। अकस्मात् भी रात्रि के 9 बजे के बाद हुआ था। पता नहीं कि चारित्र की भावना के प्रताप से सहधर्मचारिणी का बचाव, बस का सामान डिक्की से गिर कर |500-500 फीट बस के साथ खींचे जाने पर भी कैसे हुआ? और सिर्फ दो तीन टांके मस्तक से खून बहने के कारण आये। एक बहन के हाथ पैर कट गये, और एक की पैरों की हड्डी टूटी, किन्तु नवकार के प्रभाव से बड़ी दुर्घटना होते बची। आज भी क्षतिग्रस्त यात्री इस घटना के साक्षी बन जीवन बीता रहे हैं।
इसी महामंत्र नमस्कार के प्रभाव से और भी तीन बार मृत्यु के मुँह से बाहर निकलने का सत्यावसर अनुभवित किया है, जिसके बाद नवकार के प्रभाव से मंत्र के प्रति सद्भाव बहुत ही बढ़ गया है। खास उल्लेखनीय प्रसंग उपरोक्त घटना में यह बना है कि जीवन में नौ लाख का जाप गुरु मुख से उच्चर कर कॉलेज जीवन में ही पूर्ण किया था, जिसकी बदौलत अकस्मात् के पूर्व ही स्थानान्तरण करने की अगम प्रेरणा हुई, और जिस स्थान पर ठीक 15 मिनट पहले बैठा था उस स्थान को ग्रहण करने वाले दो यात्री स्वर्गवासी बने थे। जिसकी दर्दनाक याद आज भी सताती है।
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