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-जिसके दिल में श्री नवकार, ठसे करेगा क्या संसार? . नवकार मंत्र की शक्ति अदम्य है। उसकी ताकत अद्भुत है। उसका सामर्थ्य भी अनूठा है।
अनंतों को तारने वाला श्री नवकार मंत्र है। जिसने शरण ली, उसका बेड़ापार है। अचित्य नवकार मंत्र की आराधना द्वारा तन-मन की शद्धि होती है। साधना द्वारा परम पद प्राप्त होता है। जीवन जीने की कला नवकार मंत्र है।
मेरे जीवन में एक नवकार मेरा साथी है। नवकार अर्थात् "सर्वस्व" है। "नवकार और मैं" ऐसा नवकार के साथ मेरा घनिष्ठ संबंध है। हम सभी श्री नवकार मंत्र की आराधना- साधना कर परम पद की प्राप्ति करें। यही मंगल भावना।
लेखिका - सा. श्री पद्मयशाश्रीजी
नवकार मेरा मित्र है
बाल्यावस्था में माता ने मुझे नवकार सीखाया। कण्ठस्थ करने के बाद उसके प्रति अहोभाव जाग्रत हुआ। 21 वर्ष की उम्र में स्कूल तथा | जैन शाला में शिक्षिका के रूप में जुड़ने का प्रसंग उपस्थित हुआ।
शाला में लिखित एवं मौखिक परिक्षायें देनी थीं। उसके अभ्यास क्रम में अर्थ-भावार्थ-प्रश्नोत्तर वगैरह आता था। प्रार्थना के प्रारम्भ में श्री नवकार मन्त्र की धून बोली जाती थी। फिर पाठ का अध्ययन शुरू होता था। धीरे-धीरे अर्थ का अभ्यास चलता, जिसमें नवकार मन्त्र और उसके प्रभाव का वर्णन आया। हमारे वीर-वनीता मण्डल ने अमरकुमार का नाटक रखा। उसे देखते ही संसार में नवकार मंत्र की शरण सच्ची है, ऐसी सचोट धारणा बैठते ही मैंने नवकार मंत्र का नित्य जाप शुरू किया।
गाँव में पूज्य आ.भ., पदस्थ मुनिवर एवं साध्वीजी पधारते रहते थे। चातुर्मास भी होते रहते थे। इस प्रकार नवकार मंत्र की मेरी आराधना आगे बढ़ी। मैंने एकासन की तपस्या से नवकार मंत्र की नौ दिन की आराधना की। दूसरी बार सं. 2039 में अड़सठ अक्षरों की उपवास से आराधना
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