Book Title: Jiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Author(s): Mahodaysagarsuri
Publisher: Kastur Prakashan Trust

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Page 401
________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? होते हैं तो शुभ का संयोग होता है। फौजी ने प्रवीण को घर ले जाने की सम्मति दी। अतः हमारी सच्ची आस्था का फल भी हमें मिला। प्रवीण को भी नवकार मंत्र के बारे में जो प्रेरणा मिली वह मेरे द्वारा तथा मेरे दीक्षित माताजी साध्वीजी लिखमवती जी के द्वारा ही थी। श्री रतनलाल सिंधी बंगाल होजयरी, पो. इस्लामपुर, जि. वेस्ट दिनाजपुर, प. बंगाल, 733 202 | नवजीवनदाता नवकार मंत्र | माह अप्रैल, सन् 1938 की घटना है। मुझे परीक्षा देने के लिए कैथून (कोटा) से कोटा कॉलेज में जाना था। बस में बैठा। बस रवाना हुई, द्रुत गति से, कि कहीं पीछे की बस आगे जाकर उससे ज्यादा आर्थिक लाभ प्राप्त न कर ले। रायपुर एवं धाकड़खेड़ी के बीच मेरी बस का अगला टायर फट गया। संतुलन बिगड़ा, बस खड्डे में जा गिरी। उलटी हो गई। पर जब हम सबको किसी प्रकार से निकाला गया तो साठ से सत्तर सवारियों में मैं ही एक सुरक्षित प्राणी बचा था, जिसको कहीं भी किसी भी प्रकार की शारीरिक चोट नहीं आई थी। मैं तुरन्त समझ गया कि यह नवकार मंत्र का ही प्रतिफल है कि मैं ही पूर्णतः सुरक्षित रह पाया। में अपनी जिहवा से यह तो प्रकट नहीं करना चाहता कि मुझे नवकार मंत्र में कितनी श्रद्धा है, क्योंकि यह कहना तो शायद आत्मश्लाघा ही होगी। पर फिर भी मैं जब भी यात्रा पर जाता हूँ, किसी कार्य का शुभारंभ करता हूँ, सोता हूँ, उठता हूँ, तो नवकार मंत्र का अवश्य स्मरण कर लेता हूँ, चाहे मनःस्थिति कैसी भी हो। ___ अल्पायु एवं संक्षिप्त अनुभवों के आधार पर मैं सत्य प्रमाणित कर सकता हूँ कि मुझे राज्य सेवा काल, गृह जीवन एवं सांसारिक कार्यों में 374

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