Book Title: Jiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Author(s): Mahodaysagarsuri
Publisher: Kastur Prakashan Trust

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Page 399
________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - मंत्र के संकल्प का चमत्कार साक्षात् अनुभूत हुआ था। परिस्थिति वश विश्वास करना एक बात है और हमेशा विश्वास करना दूसरी बात है। तथापि अनुभवों से भी विश्वास में विस्तार होता है तो भी लाभप्रद है। पू. गणिवर्य श्री जयन्तविजयजी म.सा. | विष अमृत हो जाय | (1) मैंने दस वर्ष की उम्र में मेरी माता से नवकार मंत्र पाया। जैसे-जैसे मुझे नवकार मंत्र का अर्थज्ञान हुआ, वैसे-वैसे इसके प्रति श्रद्धा बढ़ती गई। मेरे लड़के प्रकाश कुमार सिंधी को श्री डुंगरगढ़ में अपने ही घर में एक विषैले सर्प ने काट खाया। उस समय मैं घर में अनुपस्थित था। किसी के द्वारा मुझे बाजार में समाचार मिला। सुनते ही मैं घर की ओर चल पड़ा। घर पहुंचकर देखा कि प्रकाशकुमार भीड़ में घिरा हआ था। भीड़ को अलग कर मैं उसके पास जा पहुंचा। मेरे पहुंचते ही सभी अलग-अलग सुझाव देने लगे, पर मैंने उनकी बातों पर ध्यान न देते हुए पूर्व दिशा में खड़े होकर नमस्कार महामंत्र का उच्चारण किया, एवं अपने मुख को सांप के द्वारा काटे गये स्थान पर पहुंचाकर उसे चूसना प्रारंभ किया। सभी घबरा गये। सभी के मना करने पर भी मैं नमस्कार महामंत्र के बल पर अटल होकर उसे चूसता रहा और निकाले गये खून को एक बर्तन में एकत्रित करता रहा। बाद में उसको नीम का पत्ता दिया, उसे खारा लगा। तब मैंने अपना मुंह धो लिया। फिर जहर का कोई प्रभाव नहीं रहा। (2) आज से करीब तीन वर्ष पूर्व मेरा लड़का प्रवीण जिसकी उम्र 11 वर्ष है, अचानक ही घर से निकल पड़ा। उसके पास सिर्फ रुपये 30 एवं पहने हुए कपड़े थे। मन में सोचा कि राजस्थान जाऊँगा, इसलिए वह तीनसुकिया नामक ट्रेन में बैठ गया। रास्ते में जब टिकट के बारे में पूछा और उसके पास टिकट न होने के कारण उसे अगले स्टेशन पर उतर जाने को कहा तो वह घबरा गया। दैवयोग से उसे पास में ही बैठे एक 372

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