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- जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ?
प्रयास तो चालु ही थे। नीचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज की। जिला न्यायालय में जमानत याचिका दायर की तो छोटे भाई गुलाब एवं हरिवल्लभभाई को जमानत पर छोड़ा। मेरे लिए अब उच्च न्यायालय जाना था। नव निर्माण दंगों के कारण उच्च न्यायालय - अहमदाबाद जाना मुश्किल था। किन्तु छोटा भाई गुलाब जमानत पर छूटने के कारण मुश्किलों का सामना कर अहमदाबाद का वकील तय किया । भगवान की कृपा से वकील भी अच्छा ही मिला। उसने कहा, 'जमानत होने पर ही शुल्क देना, नहीं तो नहीं।' वकील के साथ पूरी बात हुई। उसने पाटण जेल में आकर भी मुझसे पूरी बात की। जमानत की अरजी पेश की। नवकार मंत्र के प्रताप से की कृपा से माताजी के वर बेटड़ी के शुभ महोत्सव पर गोर महाराज के रूप में माताजी की सेवा में उपस्थित रहने का मौका मिल गया।
श्री नवकार मंत्र के सहारे यह मेरी जेल यात्रा महल यात्रा जैसी बन गयी । यह सभी घटनाएं सरलता से पूरी हुईं, उसकी नींव में श्री नवकार मंत्र ही है जो पूज्य गुरुमैया सुशीलाबाई महाराज साहेब के आशीर्वाद और उनके चातुर्मास परिचय से मिला। नवकार के प्रति श्रद्धा दृढ़ बनी। पूज्य महाराज साहेब का जितना उपकार मानें उतना ही कम है। लेखक - श्री खुशालदास अमुलखदास रामी, पाटण।
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निःसन्तान को संतान प्राप्ति हुई
जैन जगत में जिसने जीवविचार, नवतत्त्व, कल्पसूत्र इत्यादि को समझा है, उनको नवकार मंत्र के अर्थ एवं माहात्म्य की जानकारी है। परन्तु कितनों को पता नहीं कि 14 पूर्व के सार रूप इस नवकार मंत्र में अमोघ दिव्य शक्ति छिपी हुई है।
हमारे परिवार में सामाजिक जीवन के किसी भी कार्य की शुरूआत, पढ़ाई में प्रवेश, व्यवसाय या नौकरी प्रारम्भ इत्यादि में नवकार मंत्र के जाप से हमेशा कार्यसिद्धि हुई है।
हमारे स्नेही डॉक्टर सुमनभाई और अ. सौ. श्री सुंनदाबेन का एक
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