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जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? ताकत रही हुई है, उसके स्मरण मात्र से नदी के जल में से पार उतरा जा सकता है इसमें जरा भी असंभव नहीं ही है।
लेखक-श्रीखुशालचन्दभाई खेतशी देशलपुरवाले
रसुल बिल्डींग,दूसरी मंजिल, कमरा नं38 ___के.के. मार्ग, सात रास्ता, मुम्बई-11
अन्धेरे में एक प्रकाश
विक्रम संवत् 2022 या 2023 के आसपास में जब महाराष्ट्र के कोयना में भूकम्प आया तब एक कच्छी परिवार अपने घर में फंस गया। रात के तीन-साढ़े तीन बजे थे। अपने घर की उपरी मंजिल में से धूल, सोये हुए बच्चों एवं उनके ऊपर गिरने लगी। बच्चे तो जोर से रोने लगे
और स्वयं भाई एवं उनकी पत्नी भी घबराकर सोचने लगे कि दरवाजा खोलकर बाहर निकल जाएं। किन्तु अंधकार में दरवाजा कहाँ है, इसका ध्यान नहीं पड़ रहा था। सोचने लगे कि, 'अभी मकान गिरेगा और हम अभी ही खत्म हो जाएंगे। कोई उपाय नहीं था। उतनी देर में भाई को ख्याल आया कि, 'तुम सभी शान्ति पूर्वक ध्यान लगाकर नवकार मंत्र | गिनो।' थोड़ी देर में आले के उपर टार्च पड़ी थी और उसके बटन पर कुदरती एक पत्थर गिरते ही वह बटन दब गया और ,प्रकाश हो गया और तुरन्त बन्द हो गया। वह भाई तुरन्त अपने बच्चों एवं पत्नी को लेकर दरवाजा खोलकर सुरक्षित घर से बाहर निकल गये। यह है नवकार मंत्र का प्रभाव! हमने यह बात इस कच्छी परिवार के संबन्धी कच्छ रताड़िया(वर्तमान में चेम्बुर) के शंभुभाई की धर्मपत्नी पानीबाई के पास से सुनी थी, वह यहां दर्शायी है।
वास्तव में यदि महामंत्र अनादिकालीन अज्ञान तथा महामिथ्यात्व के घोर अन्धकार का नाश कर केवलज्ञान तथा क्षायिक सम्यगदर्शन का दिव्य प्रकाश आत्मा में प्रकट कर सकता है, उसके लिए उपरोक्त प्रकाश की घटना में क्या असंभव बात है? आवश्यकता है, केवल अनन्य शरण भाव
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