________________
2. साथ ही आप प्रातः जब भी उठे सर्वप्रथम आठ नवकार मंत्र मिनकर अत्यंत भाव पूर्वक तीन बार यह दो लाईन गाएँ।
क
पहला मंत्र-::
जिसक
'सीमंधर स्वामी के पास हमें जाना है, जह संयम लेके केवल पाके, मोक्ष हमें जाना है...
रात्रि के शांत वातावरण के कारण अपना मस्तिष्क शांत होने से प्रात: काल में बोली हुई ये पंक्ति आपके मन मन्दिर में प्रभु को ले आयेगी । इन दो पंक्ति में आने वाले भव में सीमंधर स्वामी के पास जाने की भावना होने से आप दुर्गति से बच जायेंगे एवं इस भव में भी संयम, केवलज्ञान एवं मोक्ष की भावना आ जाने से आत्म कल्याण निश्चित हो जायेगा।
प्र.:
क्या इतनी छोटी क्रिया हमें प्रभु के पास जन्म दे सकती है ?
the boat
जरुर दे सकती है लेकिन इसमें प्रतिदिन का सातत्य होना जरुरी है। ठीक है, कभी किसी कारणवश या दूसरे गाँव भूल से कार्ड न ले गए और प्रदक्षिणा रह जाए तो दूसरे दिन दुगुनी दे दीजिए, लेकिन आपको जीवन के अंत तक यह प्रक्रिया करनी होगी ।। Es piste "hens wpp i est remo
प्रतिदिन की इस क्रिया से आत्मा में एक भाव बन जाते है कि - "मुझे सीमंधर स्वामी के पास जाना है।” इससे अंत घड़ी नज़दीक आ जाने पर भी जीव को आर्त्तध्यान नहीं होगा क्योंकि उस समय भी उसे यही याद आयेगा कि मुझे तो सीमंधर स्वामी के पास जाना है... और ये याद आने पर उसे मरने का कोई गम नहीं रहेगा। रिकार्ड FOR A sheet P पाली झोपड़ी में से बंगले में जाने वाले को दुःख किस बात का ? और जिसको अंत समय भगवान याद आ जाए तो उसकी सद्गति निश्चित है। इस प्रकार यह छोटी-सी प्रक्रिया भी आपको सीमंधर स्वामी भगवान पास ले जा सकती है ।
15
अब जैसे जैसे आप इस प्रदक्षिणा से जुड़ेंगे, अपिके मन में शुभ भाव और बढ़ते जायेंगे तब क निम्न दो मंत्रों को और जोड़ दीजिए:- (इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 27 बार करें।)
दूसरा मंत्र" अणु-परमाणु शिव बनी जाओ।।
आंखा विश्व नु मंगल थाओ।ये सर्वे जीवों मोक्षे जाओ ।।
भारतीय संस्कृति अध्यात्म प्रधान थी। वह वर्तमान में पाश्चात्य हवा के कारण लुप्त होती जा रही है। एवं भौतिक साधनों में व्यक्ति उलझता जा रहा है। हिंसा प्रधान सुख-सुविधा के साधन वातावरण को दूषित