Book Title: Jainism Course Part 02
Author(s): Maniprabhashreeji
Publisher: Adinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi

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Page 184
________________ (2) देवकुरु - 117 शा.चै. सोमनस वन की चार दिशा में - 4 शा.चै. पाण्डुक वन की चार दिशा में - 4 शा.चै. पाण्डुक वन के ऊपर चूलिका में -1 शा.चै. __ कुल - 25 शा.चै. कुल 25 शा.चै. x120 = 3000 प्रतिमाजी - सीतोदा कुण्ड में - 1 शा.चै. सीतोदा कुण्ड के पश्चिम भाग में - 1 शा.चै. 2 गजदंत के ऊपर - 2 शा.चै. पाँच बड़े द्रह (सरोवर) में - 5 शा.चै. 5 सरोवर के दोनों किनारे 100 कंचनगिरि पर - 100 शा.चै. शाल्मली वृक्ष-इसकी पीठिका पर - 1 उसके चारों तरफ आठ छोटे वृक्ष पर - 8 उसके भी चारों तरफ 108 छोटे वृक्ष पर - 108 - दो गजदंत के पास चित्र एवं विचित्र दो पर्वत पर - 2 शा.चै. कुल . -228 शा.चै कुल 228 शा.चै.x120=27360 प्रतिमाजी - सीता कुण्ड में सीता नदी के पश्चिम भाग में .- 1 शा.चै. 2 गजदंत के ऊपर . - 2 शा.चै. पाँच बड़ें द्रह (सरोवर) में - 5 शा.चै. 5 सरोवर के दोनों किनारे 100 कंचनगिरि पर - 100 शा.चै. जम्बू वृक्ष - मूल पीठिका पर - 1 उसके चारों तरफ आठ छोटे वृक्ष पर - 8 . - 117 शा.चै. उसके भी चारों तरफ 108 छोटे वृक्ष पर - 108 - दो गजदंत के पास यमक एवं समक दो पर्वत पर - 2 शा.चै. कुल -228 शा.चै. (3) उत्तरकुरु - 1 शा.चै..

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