Book Title: Jain Vidya 13 Author(s): Pravinchandra Jain & Others Publisher: Jain Vidya Samsthan View full book textPage 5
________________ क्र.सं. विषय प्रारम्भिक सम्पादकीय 1. बहुश्रुत विद्वान प्राचार्य श्रमितगति 2. ज्ञानं सदर्चनीयम् विषय-सूची 3. श्रमितगति श्रावकाचार में श्रावक की जीवनचर्या 4. ज्ञानेन हीनः पशुरेव शुद्धः 5. अमितगति श्रावकाचार में पदस्थ ध्यान और शरीर के शक्तिकेन्द्र 6. ज्ञानं त्रिलोके सकले 7. अमितगति श्रावकाचार में सर्वज्ञसिद्धि 8. ज्ञानेन पुसां सकलार्थसिद्धि 9. आचार्य श्रमितगति की सर्वोपयोगी रचनाभावनाद्वात्रिंशतिका - सामायिक पाठ 10. समभाव - प्रतिक्रियारहित जीवन 11. भावनाद्वात्रिंशतिका : शान्तरस का निर्भर 12. ज्ञानं विना प्रवृत्तिर्न हिते 13. मिथ्यात्वखण्डन धर्मपरीक्षा की आधारभूमि लेखक का नाम डॉ. गुलाबचन्द जैन श्राचार्य श्रमितगति डॉ. रमेशचन्द्र जैन श्राचार्य श्रमितगति डॉ. सोहनलाल देवत प्राचार्य प्रमितगति श्री राजवीरसिंह शेखावत श्राचार्य श्रमितगति पं. नाथूराम डोंगरीय जैन ब्र. कु. कौशल जी डॉ. कु. प्राराधना जैन प्राचार्य श्रमितगति डॉ. पुष्पलता जैन पृ.सं. 1 12 13 222222 20 21 24 25 30 31 37 41 46 47Page Navigation
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