Book Title: Jain Sahitya Samaroha Guchha 2
Author(s): Ramanlal C Shah, Kantilal D Kora, Pannalal R Shah, Gulab Dedhiya
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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जैन साहित्य समारोह - गुच्छ २
जिनकल्पी का नामान्त पद 'सेन' इतना विशेष समझना चाहिए । आगे ब्राह्मण, क्षत्रियों के नामों के पद भी बतलाये हैं । विशेष जानने के लिए मूल ग्रन्थ का ४० वाँ उदय (पृ.३८६-८९) द्रष्टव्य है।
, खरतरगच्छ में इन नामान्त पदों को वर्तमान में 'नांदि' या 'नंदी' कहते हैं और इन की संख्या ८४ (चौरासी) बतलायी है जब कि उपर नाम ६८ ही दिये हैं। विशेष खोज करने पर हमें बिकानेर में खरतरगच्छीय श्रीपूज्य श्री जिनचारित्रसूरिजी के दफतर एवं अनेक कुटकर पत्रों में ऐसी ८४ नामान्त पद सूची उपलब्ध हुई पर उन सब में पुनरुक्ति रूप में पाये नामों को बाद देने पर जब ७८ रह गये तो खरतरगच्छ गुर्वावली आदि में प्रयुक्त नामों का अन्वेषण करने पर जो नये नाम उपलब्ध हुए उन सब की अक्षरानुक्रम सूची यहाँ प्रस्तुत की जा रही है -
1 अमृत 2 आकर - 5 उदय 6 कमल
9 कल्लोल 10 कीर्ति '13 कुंजर 14 गणि 17 चित्र 18 जय 21 दर्शन 22 दत्त । 25 ध्वज 26 धीर : 29 निवास 30 नंदन 33 पति : 34 पाल 37 प्रमोद 38 प्रधान
42 भक्ति 45 माणिक्य 46 मुनि 49 मण्डण
3 आनंद 7 कल्याए 11 कुमार 15 चन्द्र 19 णाग 23 देव 27 निधि 31 नन्दि 35 प्रिय 39 प्रभ 43 भूषण 47 मति 51 युक्ति
4 इन्द्र 8 कलश 12 कुशल 16 चारित्र 20 तिलक 24 धर्म 28. निधान 32 पद्म 36 प्रबोध 40 भद्र 44 भण्डार 48 मेरु 52 रय
4: भक्त ।
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