Book Title: Jain Sahitya Samaroha Guchha 2
Author(s): Ramanlal C Shah, Kantilal D Kora, Pannalal R Shah, Gulab Dedhiya
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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जैन मुनियों के नामान्त पद या नन्दियाँ
हमारे ऐतिहासिक परिशीलन में गत पचास वर्षों में खरतरगच्छीय दृष्टिकोण से जो देखा, अनुभव किया वही उपर लिखा गया है। इसी प्रकार अन्य विद्वानों को अन्य गच्छों के नामान्त पद सम्बन्धी विशेष परिपाटियों का अनुसंधान कर उन पर प्रकाश डालना अपेक्षित है। आशा है इस ओर विद्वद्गण ध्यान देकर इतिहास के बन्द पृष्ठों को खोलने का प्रयास करेंगे।
यह निबन्ध एक संभावित विशद इतिहास की भूमिका मात्र है, जिसके गर्भ में सैंकडों पृष्ठों की महत्त्वपूर्ण सामग्री छिपी पड़ी है जिसका अनुशीलन - प्रकाशन समयोचित व अपरिहार्य है।
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