Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 11
________________ आचार के पर्याय प्रथम श्रुतस्कन्ध के अध्ययन द्वितीय श्रुतस्कन्ध की चूलिकाएँ एक रोचक कथा पद्यात्मक अंश आचारांग की वाचनाएँ आचारांग के कर्ता अंगसूत्रों की वाचनाएँ देवगिणि क्षमाश्रमण महाराज खारबेल आचारांग के शब्द ब्रह्मचयं एवं ब्राह्मण चतुर्वर्ण सात वर्ण व नव वर्णान्तर वसुपद वेद आमगंध आसव व परिस्रव वर्णाभिलाषा मुनियों के उपकरण महावीर चर्या शस्त्रपरिज्ञा आचारांग में उल्लिखित परमत निर्ग्रन्थसमाज आचारांग के वचनों से मिलते वचन आचारांग के शब्दों से मिलते शब्द जाणइ-पास का प्रयोग भाषाशैली के रूप में कुछ सुभाषित द्वितीय श्रुतस्कन्ध आहार भिक्षा के योग्य कुल 4000 Jain Education International .... .... - १० - .... 2010 ... **** .... 8040 .... .... www. .... For Private & Personal Use Only पृष्ठ ११६ ११७ १२२ १२३ १२४ १२५. १२६ १२७ १२९ १३० १३१ १३१ १३३ १३४ १३५. १३८ १४१ १४३ १४५ १४९ १५१ १५१ १५२ १५३ १५३. १५४ १५५ १५६ १५८ १५८ १५९ www.jainelibrary.org

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