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सीताहरण।
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... रामने कहा:--" हमें कुछ नहीं कराना है ?" तब देवता बोलाः -" यद्यपि आप स्वयमेव सब कुछ करने योग्य हैं; तथापि मैं एक उपकार करता हूँ। लोगोंमें अति वीर्यकी अपकीर्ति हो कि, वह स्त्रियोंसे पराजित होगया, इस लिए मैं आपंका, सेना सहित कामुक स्त्रीका रूप बना देता हूँ।" .. इतना कह, स्त्रीराज्यकी भाँति उसने सारी सेना स्त्री
रूपिणी बना दी। राम और लक्ष्मण भी सुन्दर स्त्रियाँ होगये। . फिर राम सेना सहित राजमंदिरके पास गये और अतिवीर्यको, द्वारपालके हाथ कहलाया कि, महीधर राजाने तुम्हारी सहायताके, लिए सेना भेजी है।
अतिवीर्यने कहा:-"जब स्वयं महीधर नहीं आया है, तब मुझे उस मानी और मरनेकी इच्छा रखनेवालेकी सेनाकी भी क्या आवश्यकता हे ? मैं अकेला ही भरतको जीत लूँगा। मुझे सहायताकी कोई जरूरत नहीं है । इस लिए अपकीर्ति करनेवाले उसके सैन्यको तत्काल ही यहाँसे निकाल दो।" ___ उस समय किसीने कहा:--" देव ! महीधर स्वयं नहीं आया सो तो ठीक परन्तु आपकी हँसी करनेके लिए उसने सेना भी स्त्रियोंकी भेजी है।" __ यह सुनकर नंद्यावर्तके राजा अतिवीर्यको वहुत क्रोध चढ़ा । राम आदि सब सेना स्त्रीरूपमें द्वारपर खड़ी हुई