Book Title: Jain Nibandh Ratnakar
Author(s): Kasturchand J Gadiya
Publisher: Kasturchand J Gadiya

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ ॥ श्री ॥ समर्पण पत्रिका। श्रीमान् दानवीर राय साहब केसरीसिहजी (कोटावाला ) रतलाम की सुसेवा में मान्यवर महोदयनी । आप हमारी ज्ञाति के अग्रसर, धर्म धुरन्धर हैं। श्रीमान सदैव धार्मिक कार्योम तन, मन, धन से मन्त कर जातिवधर्म की उनति करते रहते हैं । आप की कीर्ति पर प्रसन्न हो हमारे प्रजाप्रिय सम्राट पचम जार्ज ने अपने सिंहासनामद होने के समय राय साहब का खिताब वक्षा है । मस हम भी वीर पर मात्मा से यही प्रार्थना करते है कि उत्तरोत्तर आपको सन्मान मिलते रहें, जिससे हमारी जाति उमरल अवस्था को प्राप्त हो । मैं भी आपको हार्दिक धन्यवाद दे कर, आपके खुशाली की मार गारी के लिये यह जैन निनन्धरत्नाकर नाम की छोटी सी पुस्तक अर्पण करता है। प्रागा है कि आप सहर्ष स्वीकार करगे। भवदीय कस्तूरचन्द गादिया

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 355