Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala

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Page 241
________________ |अलोकये ૨૨૨ હૈમ સંસ્કૃત ધાતુ રૂપાવલી ભાગ-૧ પહેલા ગણના પ્રેરક રૂપ ધાતુ વર્તમાના | હ્યસ્તની | વિધ્યર્થ આજ્ઞાર્થ | સ્તની श्लाघ् ५.५. श्लाघयामि अश्लाघयम् | श्लाघयेयम् श्लाघयानि । श्लाघयितास्मि श्लाघ् मा.५. श्लाघये अश्लाघये श्लाघयेय श्लाघयै श्लाघयिताहे कल् ५.५. | कालयामि अकालयम् | कालयेयम् कालयानि . कालयितास्मि कल् मा.५. कालये अकालये कालयेय कालय कालयिताहे ___५.५.| लङ्घयामि अलवयम् लङ्घयेयम् | लङ्घयानि लङ्घयितास्मि लङ्घ मा.५. लवये अलङ्घये लङ्घयेयलङ्घयै लवयिताहे ___५.५. लोकयामि अलोकयम् लोकयेयम् लोकयानि लोकयितास्मि म.५. लोकये लोकयेय - लोकयै लोकयिताहे ५.५.| सादयामि असादयम् | सादयेयम् | सादयानि सादयितास्मि सद् मा.५. | सादये असादये सादयेय सादयै सादयिताहे ५.५.| हासयामि अहासयम् | हासयेयम् हासयानि हासयितास्मि .५. हासये अहासये हासयेय हासयै हासयिताहे __५.५. | श्वाययामि अश्वाययम् श्वाययेयम् श्वाययानि वाययितास्मि सा.५. श्वायये अश्वायये श्वाययेय श्वाययै श्वाययिताहे ५.५. सानयामि असानयम् सानयानि सानयितास्मि । मा.५. सानये असानये सानयेय | सानय सानयिताहे ५.५. आययामि आययम् आययेयम् | आययानि आययितास्मि मा.५. आयये . आयये आययेय आययिताहे ___५.५. अर्जयामि आर्जयम् | अर्जयानि अर्जयितास्मि मा.५. अर्जये आर्जये अर्जयेय | अर्जयै अर्जयिताहे | अर्हयामि आर्हयम् | अर्हयेयम् अर्हयानि अर्हयितास्मि આ૫. | अर्हये आईये | अर्हयेय | अर्हयिताहे | शंसयामि अशंसयम् | शंसयेयम् शंसयानि शंसयितास्मि मा.५. शंसये अशंसये शंसयेय शंसयै शंसयिताहे | आययामि आययम् आययेयम् आययानि आययितास्मि આપ. | आयये आयये | आययेय आययै आययिताहे | ईहयामि ऐहयम् ईहयेयम् ईहयानि ईहयितास्मि ___.५.| ईहये | ईहयेय | ईहयै .. ईहयिताहे | कर्षयामि अकर्षयम् | कर्षयेयम् |कर्षयानि कर्षयितास्मि साप.कर्षये कर्षयेय कर्षय कर्षयिताहे सानयेयम् . 丽酒酒丽丽丽丽对时個個阿丽珊珊珊珊晚晚丽测ww狼寇羽羽 आययै अर्जयेयम् ___५.५. अर्हयै __५.५. ५.५. | ऐहये अकर्षये

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