Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala

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Page 302
________________ ધાતુસાધિત શબ્દ ૨૮૩ ધાતુસાધિત શબ્દ धातु वह वह् काश् रुह वाप द्युत् द्योतन द्योत श्राय भज अ (अल्- अन | अ | अक | तृ । ति अच्) (अनट) (घब) (णक) (तृच्) (क्ति) वहन वाह वाहक | वोढ । उढि काश काशन काश काशक | | काशितृ | काशिति रोह रोहण रोह रोहक | रोढ । रूढि मोदन मोदक मोदितृ । मुदिति कम्पन कम्प कम्पन कम्पितृ | कम्पिति .वपन वापक | वप्त | उप्ति द्योत द्योतक | द्योतितृ | द्युतिति रोचन रोचक रोचित रोचिति श्रयण श्रायक श्रायित श्रिति भजन भाज भाजक भक्तृ भक्ति ध्याय ध्यान ध्याय ध्यायक ध्यातृ ध्याति ईक्ष ईक्षिति गर्जन गर्ज गर्जक गर्जित गर्जिति राटक रटित रटिति कस कसन कास कासक कसित कसिति गायन गाय गायक गायित गीति ट्रवण द्राव द्रावक द्रोतृ | द्रवण तपन ताप तापक तप्त तप्ति शिक्षण शिक्ष | शिक्षिति भर भरण भर भारक | भर्तृ । भृति ह्वय ह्वान हाय ह्वायक | ह्वातृ । ह्वाति वाञ्छ वाञ्छन वाञ्छ वाञ्छक | वाञ्छितृ | वाञ्छिति श्लाघ श्लाघन श्लाघ | श्लाघक | श्लाघितृ | श्लाघिति क्षय क्षयन । क्षाय | क्षायक | क्षेतृ | क्षिति ईक्षण ईक्षक ईक्षित रटन राट गाय द्रव शिक्ष hd वाञ्छ श्लाघ्

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