Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala
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ધાતુસાધિત શબ્દ
૨૮૫
ધાતુસાધિત શબ્દ
धातु
लष्
लम्ब् लिङ्ग
लुण्ट्
शंस्
शंस
शस्ति
शङ्क
स्पन्द्
स्पर्ध
स्पर्धन
क्रम
अ(अल्- अन | अ | अक | तृ । ति अच्) (अनट)| (घज(णक) (तृच्) (क्ति) लष लषण लाष लाषक | लषितृ ।
| लषिति लम्ब लम्बन लम्ब लम्बक लम्बित | लम्बिति लिङ्ग लिङ्गन लिङ्ग लिङ्गक | लिङ्गित लिङ्गिति लुण्ट लुण्टन लुण्ट लुण्टक लुण्टितृ | लुण्टिति
शंसन शंस शंसक शंसित शङ्क शङ्कन शङ्क शङ्कक
|शङ्कित
शङ्किति स्पन्द स्पन्दन स्पन्द स्पन्दक स्पन्दिति स्पर्ध
स्पर्ध स्पर्धक | स्पर्धित | स्पर्धिति अर अरण आर आरक अर्तृ | ऋति
क्रमण क्राम क्रामक क्रमित | क्रान्ति कल्पन कल्प कल्पक | कल्पितृ कल्पिति
गोप गोपक गृहन गृह गूहक गृहित गूहिति घ्राण
घ्रायक घ्रातृ घ्राति चमन
चामक चमित चन्ति दंशन दंशक
दष्टि धूपन
धूपक ध्माय ध्मायक
ध्माति पणन पाण पाणक पणित पणिति पनन पान पानक पनित पनिति म्नान म्नाय म्नायक म्नातृ म्नाति यमन याम यामक यन्तृ | यन्ति रञ्जन
रञ्जक रङ्क्त | रङ्क्ति शदन शाद शादक शत्तृ । शत्ति
गोपन
गोपिति
गृह
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दंष्ट्र धूपितृ ध्मातृ
धूपिति
ध्मान
रक्षा
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