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विषह
पृष्ठ ९ नवम, १ शिक्षा व्रत तिस में द्रव्य क्षेत्र काल
भाव आश्री समायक का स्वरूप और गृहस्थी को धर्म कार्य के विषे प्रवर्तन रूप प्रभात से संध्यातक और सन्ध्या से प्रभात तक की १४ चौदह भकार की शिक्षा का स्वरूप बहुत अच्छा खुलासा
है (सो) .... .... .... १ प्रथम शिक्षा में समायक की विधि और
समायक के ७ सात पाठ बहुत शुद्ध हैं,
और १८ अठारह पापों का नाम अर्थ
सहित है .... ..... .... २१२ २ दूसरी शिक्षा में माता पिता की भक्ति और
परिवारी जनों को धर्मकार्य के विषे प्रेरणा और ९ नौ तत्व का नाम अर्थ सहित वताना और तप का फल और वर्ष । दिन के दिनों का मान.... .... २२६ और १०० वर्ष के दिन पहर महूर्त श्वास -