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उ० देव चले, मूर्ति न चले । १८ प्र० देव कवला हारी किम्बा रोमाहारी?
उ० देव कवलाहारी, मूर्ति रोमाहारी। १९ प्र० देव अकषायी किंवा सकषायी ?
उ० देव अकषायी, मूर्ति सकषायी। २० प्र० देव शुक्ल लेशी, किम्बा कृष्ण लेशी ।
उ० देव शुक्ल लेशी मूर्ति कृष्ण लेशी। २१५० देव तेरवें चौदवें गुण ठाणे किम्वा प्रथमगु० ?
उ० देव तेरवें चौदवें गुण ठाणे, मूर्ति प्रथम गु० २२ म० देव केवली किम्वा छमस्थ ?
उ० देव केवली, मूर्ति छमस्थ । २३ प्र० देव उपदेश देवे किम्वा न देवे ?
उ० देव उपदेश देवे, मूर्ति न देवे ॥ २४ प्र० देव तीसरे चौथे आरे किम्बा पांचवें आरे ?
उ०देव तीसरे चौथे आरे, मूर्ति पांचवें आरेघनी। २८ वजन कितने उत्ककितने ?
उ० देव जघन २० वीस, उत्कृष्टे १७० एक सौ सत्तर और मूर्तियें लाखों हैं घर २ में भरी है । इयादि फिर 'जिन पडिमा जिन सारखी ' यह किस न्याय से कहते हो ? खैर उनकी श्रदा के अधीन है।