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जी ! मेरीबगल में पीडा होती है मेरेकलेजे में पीडाहोती है और मुझे ताप भी चढ़जाता है। सो कुछ दवा बताओ कि जिससे मैं राजी होजाऊं इत्यादि परन्तु उधर से कुछ आवाज
तलब न आई तब हार के चला आया और | फिर बड़े बेटे के पास जाके अर्ज करी कि तुम | मेरा रोग हटाओ, तब वह बोला कि हकीम
जी तो गुज़र गये हैं परन्तु हकीम जी की पोथी मेरेपास है सो देखकर बता देताहूं फिर पोथी मेंसे देखकर बताया कि इस कारण से | रोग होता और इस औषधि से रोग जाता है फिर उस रोगी ने वैसेही परहेज़ से औषधि खाकर अपना रोग गमादिया इत्यर्थः॥शास्त्र द्वारा ही ज्ञान वैराग्य होता है मूर्ति का साधन तो योही लोभ तथा मत पक्ष के वश उठाते