Book Title: Gunsthan Siddhanta ek Vishleshan
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 100
________________ ४०. भय- मोहनीय ४१. जुगुप्सा - मोहनीय ४२. पुरुषवेद ४३. स्त्रीवेद ४४. नपुंसकवेद * आयु- कर्म ४५. | देव आयु ४६. मनुष्य आयु ४७. तिर्यञ्च- आयु ४८. - ४ गुणस्थान और कर्मसिद्धान्त नरक - आयु नाम - कर्म ९३ ४९. मनुष्यगति - नामकर्म ५०. तिर्यञ्चगति - नामकर्म ५१. देवगति - नामकर्म ५२. नरकगति - नामकर्म ५३. एकेन्द्रियजाति- नामकर्म ५४. द्वीन्द्रियजाति-नामकर्म ५५. त्रीन्द्रियजाति- नामकर्म ५६. चतुरेन्द्रियजाति- नामकर्म ५७. पंचेन्द्रियजाति-नामकर्म ५८. औदारिकशरीर - नामकर्म ५९. वैक्रियशरीर - नामकर्म ६०. आहारकशरीर - नामकर्म Jain Education International ६१. तैजसशरीर - नामकर्म ६२. कार्मणशरीर नामकर्म ६३. औदारिकअङ्गोपाङ्ग - नामकर्म ८ ८ ३ २ ४ १ ७ ७ ४ 통 ७६ ४ ८ ८ ४ १४ ५ ४ १४ २ १४ १३ ४ छठ्ठा १३ १३ १३ ८ ८ For Private & Personal Use Only ४ w ५ سو १३ २ १३ १३ 7 ६ ९३ 9 5700 510 uto ola mar ११ 2 १४ ८३ ४ छठ्ठा १३ १४ १३ १४ १३ १४ * आयुकर्म का तीसरे गुणस्थान में बन्ध नहीं होता, इससे तीसरे को छोड़ अन्य गुणस्थानों को उसके बन्ध - योग्य समझना । 104 10 १४ ८ १४ १४ १४ १४ www.jainelibrary.org

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