Book Title: Gunsthan Siddhanta ek Vishleshan
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 101
________________ गुणस्थान सिद्धान्त : एक विश्लेषण ३ ४ << In » ७ से ८ के ६ भाग 0 ० <<< ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० <<<<< ० ० ० ० << ० ० or <<< | वैक्रियशरीर-नामकर्म आहारकशरीर-नामकर्म औदारिकबंधन-नामकर्म वैक्रियबंधन-नामकर्म आहारकबंधन-नामकर्म तैजसबंधन-नामकर्म कार्मणबंधन-नामकर्म ७१. | औदारिकसंघातन-नामकर्म | वैक्रियसंघातन-नामकर्म आहारकसंघातन-नामकर्म | तैजससंघातन-नामकर्म | कार्मणसंघातन-नामकर्म वज्रऋषभनाराचसंहनन ऋषभनाराच-नामकर्म नाराच-नामकर्म अर्धनाराच-नामकर्म कीलिका-नामकर्म सेवार्त-नामकर्म समचतुरस्रसंस्थान न्यग्रोध० नामकर्म | सादि-नामकर्म वामन-नामकर्म ८६. हुंडक-नामकर्म हुंडक कृष्णवर्ण-नामकर्म | नीलवर्ण-नामकर्म लोहितवर्ण-नामकर्म हारिद्रवर्ण-नामकर्म | शुक्लवर्ण-नामकर्म सुरभिगन्ध-नामकर्म our or o oooooooooooooooooooooooooooo << 9 9 < ต " < or < or < or ๒ 4 4 4 < or < or 9 9 9 Wwwwwwwwwwww < or < or < or < or 1991919919 < or < ด ต or or < Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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