Book Title: Gunsthan Siddhanta ek Vishleshan
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 140
________________ ग्रन्थ-सूची १२९ जैन साहित्य और इतिहास : नाथूरामजी प्रेमी, द्वितीय संस्करण, बम्बई, ई० स० १९५६ । जैन साहित्य और इतिहास पर विशद प्रकाश : पं० जुगलकिशोर जी मुख्तार, वीर शासन संघ, कलकत्ता, ई० स० १९५६ । जैन साहित्य का इतिहास ( भाग २ ) : सम्पादक पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, गणेश प्रसाद वर्णी ग्रन्थमाला, वाराणसी, ई० स० १९६२ । तत्त्वार्थश्लोकवार्तिकम् : विद्यानन्द निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, ई० स० १९१८ । तत्त्वार्थसूत्र : पं० सुखलाल संघवी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, ई० स० १९८४ । तत्त्वार्थसूत्रम् : टीका हरिभद्र, ऋषभदेव केशरीमल संस्था, रतलाम, १९६२ । तत्त्वार्थाधिगमसूत्र : सिद्धसेनगणि, देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, ग्रंथांक ७६, विरात् १९८६ । तीर्थङ्कर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा ( भाग २ ) : डॉ० नेमिचन्द्र, भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद्, सागर, ई० स० १९७४ | दर्शन और चिन्तन : पं० सुखलालजी, गुजरात विद्यासभा, अहमदाबाद, ई० स० १९५७ । नियमसार : कुन्दकुन्द, पंडित अजित प्रसाद, दि सेण्ट्रल जैन पब्लिशिंग हाउस, लखनऊ, ई० स० १९३१ । निर्युक्ति संग्रह : सम्पादक श्री विजयजिनेन्द्रसूरि, श्री हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, सौराष्ट्र, ई० स० १९८९ । भगवती आराधना ( विजयोदया टीका ) : सम्पादक सिद्धान्तशास्त्री पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर ई० स० १९७८ । भगवद्गीता : डॉ० राधाकृष्णन, अनुवादक विराज, राजपाल एण्ड सन्स, दिल्ली, ई० स० १९६२ । मूलाचार ( दो भाग ) : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली, १९८४-१९९२ । योगदृष्टिसमुच्चय : स्थानकवासी श्री जैन ग्रंथ प्रकाशक सभा, राजनगर, अहमदाबाद, वीर नि० सं० २४६५ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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