Book Title: Gommatasara Jiva kanda Part 2
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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कर्णाटवृत्ति जीवतत्त्वप्रदीपिका
८४९ दोडे वनादिर्गाळवं लोष्ठादिगळगे भित्त्यादिळिदं गवादिगळगेयं व्याघातमय्यदल्पडदे काणल्पटुदल्ते व्याघातमदु कारणदिदमी याकाशकवगाहदानं कुंदल्पडुगुम दितनल्वडेक दोडे दोषमल्तप्पुदे कारणमागि।
अदेते दोडे स्थूलंगळप्प वन्नलोष्ठादिगळ्गे परस्परव्याघातमे दितिदक्के अवकाशदानसामर्थ्य कुंदल्पडदल्लि अवगाहिगळ्गेये व्याघातमप्पुरिदं वज्रादिगळ्गे मत्ते स्थूलंगळप्पुरिदं परस्परं ५ प्रत्यवकाशदानमं माळपुवल्लव दिंतु दोषक्कवकाशमिल्ल। आवुवु कलवु पुद्गलंगळु सूक्ष्मंगळवु परस्परं प्रत्यवकाशदानमं माळपुवु येत्तलानुमितादोडे इदाकाशक्कसाधारणलक्षणं मत्तेके दोड:इतरद्रव्यंगळगं तत्सद्भावमप्पुरिदमें दितनल्वडेके दोडे सर्वपदार्थगलो साधारणावगाहनहेतुत्वमी याकाशक्कसाधारणलक्षणमेदितु दोषमिल्ल। अलोकाकाशदोळु अवगाहदानमिल्लप्पुरिंदमभावमक्कुम देत्तलानुमें बोडयुक्तमेक दोड स्वभावपरित्यागमिल्लमप्पुरिदं । वर्तन क्रियासाधनभूतो १० नियमेन कालस्तु । जीवादिवर्तनक्रियावंतंगळप्प द्रव्यंगळ वर्तनक्रियासाधनभूतं तु मत्त नियदिदं कालद्रव्यमक्कुं।
अथ यदि अवकाशदानं आकाशस्य स्वभावस्तदा ववादिभिर्लोष्टादीनां भित्त्यादिभिर्गवादीनां च व्याघातो माभूत्, दृश्यते च व्याघातः । तेन आकाशस्य अवगाहदानं हीयते इति नाशङ्कनीयं, वजलोष्ठादीनां स्थूलत्वाद् व्याघातेऽपि अवगाहिनामेव व्याघातात् तस्य अवगाहदानसामर्थ्यह्रासाभावात् । सूक्ष्मपुद्गलानां १५ परस्परं प्रत्यवकाशदानकारणात् । यद्येवं तहि आकाशस्य तदसाधारणलक्षणं न इतरद्रव्याणामपि तत्सद्भावात इति न मन्तव्यं. सर्वपदार्थानां साधारणावगाहनहेतुत्वस्यैव आकाशस्यासाधारणलक्षणत्वात । तर्हि अलोकाकाशे अवगाहनदानाभावात् अभावः स्यात् ? तदपि न, स्वभावपरित्यागाभावात् । तु-पुनः द्रव्याणां वर्तनाक्रियासाधनभूतं नियमेन कालद्रव्यं भवति ॥
शंका-अवकाश देना आकाशका स्वभाव है,तो वन आदिसे लोष्ठ आदिका और .. दीवार आदिसे गाय आदिका व्याघात-टक्कर नहीं होना चाहिए। किन्तु व्याघात देखा जाता है,अतः आकाशके अवगाह देने की बात नहीं घटती?
समाधान-ऐसी आशंका नहीं करनी चाहिए; क्योंकि वन, लोष्ठ आदि स्थूल हैं, उनका व्याघात होनेपर अवगाहियोंमें ही व्याघात हुआ। इससे आकाशके अवकाशदानको शक्तिमें कोई कमी नहीं आती, क्योंकि सूक्ष्म पुद्गल परस्परमें भी एक दूसरेको अवकाश . देते हैं। किन्तु स्थूलोंमें ऐसा सम्भव नहीं है।
शंका-यदि सूक्ष्म पुद्गल भी परस्परमें अवकाशदान करते हैं,तो अवकाश देना आकाशका असाधारण लक्षण नहीं हुआ; क्योंकि यह लक्षण अन्य द्रव्योंमें भी पाया जाता है ?
समाधान-ऐसा नहीं है क्योंकि सब पदार्थोंको अवगाह देने में साधारण कारण होना ही आकाशका असाधारण लक्षण है।
शंका-तब अलोकाकाशमें तो आकाश किसीको अवकाश दान नहीं करता,अतः वहाँ उसका अभाव मानना होगा।
समाधान--ऐसा कथन भी ठीक नहीं है, क्योंकि वहाँ भी वह अपना स्वभाव नहीं छोड़ता। तथा द्रव्योंकी वर्तनाक्रियामें साधनभूत नियमसे कालद्रव्य है ॥६०५।। १०७ For Private & Personal Use Only
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