Book Title: Gommatasara Jiva kanda Part 2
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
________________
प्रशस्ति
स्वस्ति श्रीनृपशालिवाहन शके १२०६ वर्षे क्रोधिनाम संवत्सरे फाल्गुणमासे शुक्लपक्षे शिशिरतों उत्तरायणे अद्यां षष्ठिभ्यां तिथौ बुधवारे सत्तावीसघटिका उपरांतिक सप्तम्यां तिथौ अनुराधानक्षत्रे तीस घटिका उपरांतिक ज्येष्ठा नक्षत्रे व्याघातनामयोगे वह घटिका उपरांतिक हर्षणनामयोगे बवकरणे सत्तावीस घटिका यस्मिन् पंचांगसिद्धि तत्र मोळेद शुभस्थाने श्रीपंच परमेष्ठिदिव्यचैत्यालयस्थिते, श्रीमत्केशवण्ण विरचितमप्प गोम्मटसारकर्नाटकवृत्ति जीवतत्त्वप्रदीपिकयालु जीवकांड
संपूण्नमादुदु । मंगळं भूयात् ॥ श्री श्री श्री॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612