Book Title: Gnatadharm Kathang Ka Sanskritik Adhyayan Author(s): Shashikala Chhajed Publisher: Agam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan View full book textPage 7
________________ आप द्वारा प्रदत्त सुसंस्कारों की छांव आपके पौत्र-पौत्रियों में भी समाहित है। आपके पौत्र-पौत्रवधु पंकज-समता, मनोज-चंचल, पवन, प्रवीण, अंजन, राहुल परिवार के आदर्शों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं तथा संघ के प्रत्येक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है। पौत्रियां श्रीमती उर्मिला-राजेशजी बेताला, श्रीमती प्रमिला-मनीषजी दुधेड़िया, कोमल, रोशनी, श्वेता, सबीना, वर्षा, दौहित्र सुरेन्द्र, रिषभ, अभिषेक, हर्ष एवं प्रपौत्र हेमन्त, मौलिक आदि सभी परिवार की यश एवं कीर्ति को आगे बढ़ा रहे वटवृक्ष की भाँति फैला हुआ यह सम्पूर्ण परिवार श्रमण भगवान महावीर के शासन के प्रति पूर्ण समर्पित रहते हुए समाज एवं संघ की इसी प्रकार सेवा करता रहे इन्हीं शुभ भावनाओं के साथ..... ।Page Navigation
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