Book Title: Gautam Charitra
Author(s): Dharmchandra Mandalacharya
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya

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Page 4
________________ चरित्र चित्रणके साथ सर्व साधारणको धार्मिक एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करानेके लिये इस प्रथमें अनेक उपयोगी विपयोंका समावेश किया गया हैं। श्रीमान मंडलाचार्यजीने इस ग्रंथकी रचना संवत् १७२६ में संस्कृतमें की थी। ____ अनुवादकने पुस्तकमें सुबोधता एवं सरलता लानेके लिये काफी प्रयत्न किया है। यथासाध्य मूल ग्रन्थके भावोंकी रक्षा करते हुए ही अनुवादकने हिन्दीमें रूपान्तर किया है। यदि इस ग्रंथसे सर्व साधारण धार्मिक जैन समाजको लाभ पहुंचा तो हम अपनेको कृतकृत्य समझेंगे। जुलाई सन् १९३६ ई. . -प्रकाशक

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