Book Title: Epigraphia Indica Vol 21
Author(s): Hirananda Shastri
Publisher: Archaeological Survey of India

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Page 258
________________ No. 37.] SAKTIPUR COPPER-PLATE OF LAKSHMANASENA. 217 9 रगुणस्तेषामभूइंशजः [४॥"] यदीयैरद्यापि प्रचितभुजः स्फुट सहचरैर्यशोभिः शोभन्ते परिधि 10 परिणड्डा इव दिशः [*] ततः काञ्चीलीलाचतुरचतुराम्भोधिलहरीपरीतोझैभर्ता' जनि विजl यसेनाः ] स विजयी ॥[५॥"] प्रत्यूहः कलिसम्पदामनलसो वेदायनैकाध्वगः संग्रामः श्रितजङ्गमा12 क्वतिरभूहलालसेनस्ततः [*] यश्चेतोमयमेव शौर्यविजयी दत्तौषधं तत्क्षणा दक्षीणा रचयाञ्च13 वार वशगाः खस्मिन् परेषां श्रियः [*] संभुक्तान्यदिगङ्गनागणगुणाभोगप्रलोभादि शामीशैरंश14 समर्पणेन घटितस्तत्तत्प्रभावस्फुटः [*] दोरुमक्षपितारिसङ्गररसो' राजन्यधमाश्रयः श्रीम16 सणसेनभूपतिरतः सौजन्यसीमाजनि' [७॥"] शखह()न्धभयाहिमुक्तविषयास्त माननिष्ठीक्कत18 स्वान्ता यान्तु कथं न नाम रिपवस्तस्य प्रयोगामयम् [1] यैरात्मप्रतिविम्बि (बिम्बितेपि निपतत्पवेपि चञ्चत्त17 ऐप्यदैतेन यतस्ततोपि सपरो देवः परं वीच्यते ॥[८॥*] स खलु श्रीविक्रमपुर समावासितश्रीम18 जयस्कन्धावारात् । महाराजाधिराजश्रीवज्ञालसेनदेवपादानुध्यात" । परमेश्वरपर19 मभट्टारकपरमवैष्णवमहाराजाधिराजश्रीमनमणसेनदेवः कुशली । समुप20 गताशेषराजराजन्यकराजीराणकराजपुत्रराजामात्यमहापुरोहितम21 हाधमाध्यचमहासान्धिविग्रहिकमहासेनापतिमहामुद्राधिक्तमतरण22 (ह)दुपरिकमहाचपटलिकमहाप्रतीहारमहाभोगिकमहापीलुपतिमहा 1 Metre : śärdülavikridita. * Road bhuja-tējah- as in other inscriptions • Read chatur-ambhodhi. Metro: Sikharipi. Road datto au ahadhan. Mstre: Sardalavikridita. Kshayitari in the Govindapur plato. OMotre: Sardialavikridita.. Mr. Basu remarks that the word ripalat-paintapi is missing. But the word is clearly engnared, 10 Metre : Sardalavikridita. Danda umneommary: road-dhyala-Para'. 1 Road kit Anta.

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