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धन्ना विलसे श्रीकार ॥ ३ ॥ ७३ 8 ॥ ढाल १७ मी. ॥ (वीरे वखाणी राणी चेलणा जी.-ए देशी.)
एहवे ते लक्ष्मीपुरे जी, पत्रामल नामे नदार ॥ कोमि बत्रीश सोवन तणो जी, अद धिपति ने शाहुकार ॥ देखो देखो बुब्बिल मोटको जी ॥१॥ ए प्रांकणी ॥ गेटको नहो ।
लवलेश ॥ सुख दिये जेह आपद पझे जी, यश करे देश परदेश ॥ देखो०॥॥ सुंदरी नामे |P तस गेहिनी जी, पुत्र शुन्न लक्षणा चार ॥ राम ने काम गुणधाम जी, श्याम चोथो सु-15 ४ खकार ॥ देखो० ॥३॥ अद्भूत रूपथी नपती जी, शोन्नती लक्ष्मी प्रतिरूप ॥ लक्ष्मी नामा
तस ऊपरे जी, पुत्री उपनिषद स्वरूप ॥ देखो ॥धा दान यात्रादि शुन्न स्थानके जी, धन kt व्यय करे पत्रामल ॥ तप जप देवपूजा सदा जी, आचरे तेह अवध ॥ देखो० ॥ ५॥ अंत
वय आवी तव ऊपन्यो जी, रोग ते विविध प्रकार ।। मरण जाणी तव आपणो जी, तेड्या |P तिहां पुत्र ते चार ॥ देखो०॥६॥ सोनलो पुत्र सुपुत्र बगे जी, माहरा जीवनप्राण ॥मानजो शीख एक अमतणी जी, तुमे गे अति चतुर सुजाण ॥ देखो० ॥७॥ बांधव को कारण
की जी, ष मत धारजो धीर ।। बांधव सम को नही जी, प्रेमनो पात्र सधीर ॥ दे. खो०॥॥ कंचन कामिनी सुलन डे जी, सुलन बे मंदिर बात ॥ सुलन पुत्रादि सवि । ३
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