________________
भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ
___ पनिहार-वरई अवस्थिति और मार्ग
ग्वालियरसे आगरा-शिवपुरी रोडपर ३२ कि. मी. पर सड़कके दायीं ओर ८ फलांगपर बरई गांव अवस्थित है तथा मुख्य सड़कसे बायीं ओर पनिहारको मार्ग गया है। यद्यपि पनिहार ग्राम सड़कसे लगभग १ कि. मी. दूर पड़ता है, किन्तु सड़कसे लगभग ३ फलांग चलनेपर बायों
ओर एक टीला मिलता है। उसके बगलसे एक कच्चा मार्ग पनिहारके प्रसिद्ध मन्दिरको जाता है । यह मन्दिर अधिक दूर नहीं है । पनिहारका चौबीसी मन्दिर
यह मन्दिर लाल पाषाणका निर्मित है। खुले आँगनके मध्यमें स्तम्भोंपर आधारित एक मण्डप ( बारहदरी ) बना हुआ है। मण्डपके दायों और बायीं ओर दालान बने हुए हैं। उनमें एक-एक छोटी कोठरी है तथा भोयरा बना हुआ है। दायीं ओरका भोयरा तथा दोनों कोठरियां खाली हैं। किन्तु बायीं ओरके भोयरेमें मूर्तियाँ हैं । मूर्तियोंकी कुल संख्या १८ है जो तीन पंक्तियोंमें विभाजित हैं। दायों ओरको वेदीपर ६, सामनेकी वेदीपर ५ और बायीं ओरकी वेदीपर ७ । सभी मूर्तियाँ श्वेत पाषाण द्वारा निर्मित हैं और पद्मासन मुद्रामें हैं। दायीं ओरसे बायों ओर की मूर्तियोंका क्रम इस प्रकार है
१. ऋषभदेव अवगाहना पौने तीन फुट पाठपीठपर वृषभ लांछन २. मुनिसुव्रतनाथ , २ फुट ५ इंच , कच्छप ३. सम्भवनाथ
३ फुट
घोड़ा ४. मल्लिनाथ __. सवा दो फुट ." कलश ५. ऋषभदेव
साढ़े तीन फुट , ६. चन्द्रप्रभ
ढाई फुट ७. सुपार्श्वनाथ पौने तीन फुट
स्वस्तिक ८. शान्तिनाथ
सवा दो फुट
हिरण ९. धर्मनाथ
वज्रदण्ड १०. मुनिसुव्रतनाथ ३ फुट
कच्छप ११. अजितनाथ
सवा दो फुट १२. शान्तिनाथ सवा दो फुट
हिरण १३. अजितनाथ
हाथी १४. शान्तिनाथ
२ फुट २ इंच
हिरण १५. पद्मप्रभ ___ ढाई फुट , कमल १६. अनन्तनाथ १७. अजितनाथ
ढाई फुट , १८. शीतलनाथ , सवा दो फुट
कल्पवृक्ष " इस मन्दिर और मूर्तियोंको देखकर ऐसा लगा कि यह कोई मन्दिर नहीं, यह तो निषधिका या समाधि-स्थान होगा। यहाँकी मूर्तियाँ भी इस स्थानकी नहीं लगतीं। सम्भव है, ये किसी दूसरे
वृषभ
चन्द्र
हाथी
सेही
हाथी