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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ पर्वतके ऊपर ७७ मन्दिर, १३ छतरियाँ हैं तथा तलहटीमें १७ मन्दिर और ५ छतरियां हैं । यहाँका मन्दिर नं. ५७ मुख्य मन्दिर है। इसमें भगवान् चन्द्रप्रभकी साढ़े नौ फुट ऊँची मूलनायक प्रतिमा है। मूर्ति अत्यन्त भव्य है । मन्दिर विशाल है। इस मन्दिरके निकट एक छतरीमें नंग-अनंग आदि मुनियोंके चरण-चिह्न बने हुए हैं।
इस क्षेत्रपर दो स्थान विशेष आकर्षणके केन्द्र हैं नारियल कुण्ड और बाजनी शिला। मन्दिर नं. ६९ के बाद एक मार्ग इन दोनों स्थानोंके लिए गया है। नारियल कुण्ड एक छोटा-सा कुण्ड है जो नारियलके आकारका है। लोगोंका विश्वास है कि यदि कोई निस्सन्तान व्यक्ति इस कुण्डमें बादाम डाले और बादाम जलके ऊपर तैरने लगे तो उसे अवश्य सन्तान प्राप्त होगी। इसके पास एक पहाड़ी शिला है जिसे बजानेसे मधुर ध्वनि निकलती है।
क्षेत्रपर कुल १५ धर्मशालाएं हैं। पहाड़के मन्दिरोंकी व्यवस्था तो एक कमेटीके अन्तर्गत है, किन्तु धर्मशालाओंकी और तलहटीके मन्दिरोंकी व्यवस्था विभिन्न कमेटियोंके आधीन है । किन्तु कोई यात्री किसी भी धर्मशालामें ठहर सकता है । क्षेत्रपर वार्षिक मेला चैत्र कृष्णा १ से ५ तक भरता है।
क्षेत्रका पता इस प्रकार है-मन्त्री, श्री दिगम्बर जैन सोनागिरि सिद्धक्षेत्र संरक्षिणी कमेटी, सोनागिरि, जिला दतिया (म.प्र.)
पनिहार-बरई
सोनागिरिसे ग्वालियर लौटकर वहाँसे पनिहार बरई जा सकते हैं। ग्वालियरसे शिवपुरी रेल-मार्गपर ग्वालियरसे २४ कि. मी. दूर पनिहार स्टेशन है। स्टेशनसे पनिहार गांव लगभग २ कि. मी. है। सड़क-मार्गसे ग्वालियर-शिवपुरी रोड़पर २२ कि. मी. दूर सड़कसे दायीं ओर बरई गांव है और बायीं ओर पनिहार गांव है। पनिहार गांवके बाहर ही प्राचीन जिनालय और भोयरा है। सड़कसे यह लगभग १ कि. मी. है। रास्ता कच्चा है। सड़कसे लगभग ३ कि. मी. दूर बरई गांवके बाहर एक टोलेपर भग्नप्राय जैन मन्दिर है। वहाँ बड़ी-बड़ी मूर्तियां हैं। यहां ठहरनेकी सुविधा नहीं है। शिवपुरी ___ पनिहारसे शिवपुरी रेल और सड़क-मार्गसे ९६ कि. मी. है। यहां सरकारी संग्रहालय है। इसमें अधिक भाग जैन सामग्रीका है। नगरमें कई जिनालय हैं। खनियाधाना
• शिवपुरीसे सड़क-मार्गसे यह स्थान १०२ कि. मी. है। यहाँ दो प्राचीन मन्दिर और १ मानस्तम्भ हैं। यहाँको क्षेत्र-कमेटीका पता है-मन्त्री, चौरासी दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, खनियाधाना (शिवपुरी म. प्र.)। गोलाकोट ___ खनियाधानासे गूडर होते हुए ११ कि. मी. है। मार्ग कच्चा है। बांधके किनारे पहाड़ीपर यह क्षेत्र है । एक चहारदीवारीके अन्दर एक मन्दिर है उसमें ११९ मूर्तियाँ हैं। .