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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थं
जिनालय और उसके सामने मानस्तम्भ है। पहाड़ीपर छोटे-बड़े सब मिलाकर कुल ३७ मन्दिर हैं । यहाँ धर्मशाला में जल और प्रकाशकी समुचित व्यवस्था है । यहाँका पता है— मन्त्री, पिसनहारी मढ़िया ट्रस्ट, नागपुर रोड, जबलपुर (म. प्र. ) ।
कोनी
जबलपुरसे दमोह जानेवाले राजमार्गपर ३२ कि. मी. पाटन नगर है तथा पाटनसे ४ कि. मी. बासन ग्राम होकर वहाँसे कोनी तक २ कि. मी. पक्की सड़क है । यह एक अतिशय क्षेत्र है । यहाँ कुल ९ मन्दिर हैं। इनमें गर्भ मन्दिर अतिशयोंका केन्द्र है । इस मन्दिरमें सहस्रकूट चैत्यालय है । यहाँके सहस्रकूट चैत्यालय और नन्दीश्वर जिनालय दर्शनीय हैं। क्षेत्रपर धर्मशाला है । बिजली और कुएँकी व्यवस्था है । यहाँका वार्षिक मेला जनवरीमें होता है । इसका पता इस प्रकार है- मन्त्री, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र कोनी, पो. पाटन (जबलपुर ) म. प्र. ।
पनागर
पाटनसे पुन: जबलपुर लौटकर वहाँसे पनागर जाना चाहिए। यह जबलपुरसे उत्तरकी ओर १६ कि. मी. है। पक्की सड़क है । जबलपुर-सागर रेलमार्गपर देवरीसे यह दो कि. मी. है। नगरमें १७ मन्दिर हैं। रेलवे लाइनके किनारे ११ मन्दिर हैं -८ एक अहातेके अन्दर और ३ एक अहाते बाहर । इनमें पंचायती मन्दिरमें भगवान् ऋषभदेवकी कायोत्सर्गासन में सवा आठ फीट ऊँची मूर्ति है जो बड़ी सातिशय है । इस मूर्तिके अतिशयोंके कारण ही यह अतिशय क्षेत्र कहलाता है ।
यहाँ दो धर्मशालाएँ हैं जिनमें नल, बिजलीकी व्यवस्था है । माँगनेपर बरतन और बिछावन भी मिल सकते हैं । यहाँका वार्षिक मेला अगहन शुक्ला पूर्णिमासीको होता है । यहाँका पता इस प्रकार है - मन्त्री, श्री दिगम्बर जैन प्रबन्धकारिणी सभा, पनागर ( जबलपुर ) म.प्र. ।
बहोरीबन्द
पनागरसे सीहोरा नगर ११ कि. मी. दूर है तथा सीहोरा - सलेहा रोडपर बहोरीबन्द सीहोरासे २४ कि. मी. पक्की सड़क है। यह मन्दिर बाजारमें है । भगवान् शान्तिनाथकी पौने चौदह फीट ऊंची खड्गासन मूर्ति बहुत वर्षोंसे खुलेमें पड़ी हुई थी । लोग अविनय करते थे । अत: तया मन्दिर बनाकर इस मन्दिरमें मूर्तिको विराजमान किया जा रहा है। मूर्तिके चमत्कारोंकी अनेक कहानियाँ प्रचलित हैं । इसी मूर्ति के कारण यह अतिशय क्षेत्र कहलाता है। खुदाई में जमीन से १६ मूर्तियाँ निकली हैं । यहाँ धर्मशाला है । धर्मशाला में कुआँ और बिजली है । यहाँ दिसम्बर में तीन दिनके लिए मेला भरता है । यहाँका पोस्ट आफिस सीहोरा और जिला जबलपुर है ।
ग्यारसपुर
हुसेन होते हुए सागर आवें । सागरसे विदिशा जानेवाली सड़कपर ग्यारसपुर नामक गाँव । यहाँ नगरके दक्षिणकी ओर पहाड़ीकी चोटीपर मालादेवी मन्दिर है तथा वहाँसे उतर कर पहाड़ीके पीछे मैदानमें वज्रमठ नामक मन्दिर है। ये दोनों जैन मन्दिर हैं तथा कलाके उच्चकोटिके केन्द्र हैं । नगरमें कोई जैन धर्मशाला नहीं है। नगरमें एक चैत्यालय है । इसका पता है - मन्त्री, दिगम्बर जैन समाज, पो.- ग्यारसपुर ( जिला विदिशा ) म. प्र. 1