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व्याख्या
प्रज्ञप्तिः
॥२७॥
ओवयणकाले एस णं दोण्हवि तुल्ले विसेसाहिए (मू० १४६)
[प्र.] हे भगवन् : देवेंद्र, देवराज शक्रनो उर्ध्वगतिविषय, अधोगतिविषय अने तिर्यग्गतिविषय ए बधामा कयो विषय ३ शतके कया विषयथी अल्प छ, बहु छे, सरखो छ के विशेषाधिक छे ? [उ.] हे गौतम ! एक समये देवेंद्र, देवराज शक्र सौथी थोडो उद्देशः२ भाग उपर जाय छ, तिरछु, ते करतां संख्येय भाग जाय के अने नीचे पण संख्येय भाग जाय छे. [प्र०] हे भगवन् ! अमुरेंद्र, IN२७०॥ असुरराज चमरनो उर्धगतिविषय, अधोगतिविषय अने तिर्यगगतिविषय, ए बधामा कयो विषय कया विषयथी अल्प छे, बहु छ, सरखो के विशेषाधिक छे ? [उ०] हे गौतम ! असुरेंद्र, असुरराज चमर, एक समये थोडो भाग उपर जाय छे, तिरछ, ते करतां संख्येय भाग जाय छे. अने नीचे पण संख्येय भाग जाय हे. वजू संबंधी गतिनो विषय शक्रनी पेठे जाणवो. विशेष एके गतिनो विषय विशेषाधिक करवो. [प्र०] हे भगवन् । देवेंद्र, देवराज शक्रनो नीचे जवानो काळ अने उपर जबानो काळ ए वे काळमां कयो काळ कोनाथी थोडो छे, वधारे छे, सरखो के, अने विशेषाधिक छे ? [उ.] हे गौतम ! देवेंद्र, देवराज शक्रनो उपर जवानो काळ सौथी थोटो छे अने नीचे जवानो काळ संख्येय गुण छे. चमर संबंधे पण शक्रनी पेठे जाणव. विशेष ए के, तेनो नीचे जवानो काळ सौथी थोडोळे अने उपर जवानो काळ संख्येय गुण छ [प्र०) हे भगवन् ! वजूना ए बने काळमां कयो काळ थोडोके, वधारे छे, सरखो, अने विशेषाधिक छे ? [उ.] हे गौतम ! बजूनो उंचे जवानो काळ सौथी थोडो छे अने नीचे जवानो काळ विशेषाधिक छे. [४०] हे भगवन् ! ए वजू, वजाधिपती-इंद-अने अमुरेंद्र अमरराज चमर, ए वधानो नीचे जवानो काळ अने उंचे जवानो काळ, ए बेमा कयो कोनाथी अल्प छ, वधारे छ, सरखो के के विशेषाधिक के ? [उ.] हे गौतम ! शक्रनो उपर जवानो
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