Book Title: Bhagavati Jod 06
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 242
________________ पृथ्वी में २६ ठिकाणा नां ऊपजे पांच स्थावर ५, तीन विकलेंदिय ८. असन्नी तिर्यच पदिय ६, सन्नी तिथंच पदिय १०, सन्नी मनुष्य ११, असन्नी मनुष्य १२, दश भवनपति २२, व्यंतर २३. ज्योतिषी २४. गुधर्म २५. ईशान २६ । २६ पृथ्वीकाय में पृथ्वीकाय ऊपजै तेहनों यंत्र (१) गमा २० द्वार नी संख्या परिमाण द्वार संघयण द्वार अवगाहना द्वार संठाणद्वार | लेश्या द्वार दृष्टिद्वार जान-अज्ञानद्वार योग द्वार उपयोग द्वार उपपातद्वार जघन्य । उत्कृष्ट | जघन्य रत्कृष्ट जघन्य १ वटो मसूर चंद्र ओधिक नै ओधिक ओधिक नै जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट अंतर्मुहूर्त | २२ हजार वर्ष | समय समय असंख्य ऊपजे 14आर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त समय समय असंख्य ऊपजे | २२ हजार वर्ष २२ हजार वर्ष १२.३ ऊपजै सय या अराख ऊपज आंगुल नों असंख्य पहरी या नियमा ३ १छेवटो आंगुल नों असंख्य मसूर चंद्र २ जघन्य नै ओधिक जधन्यनजधन्य जघन्य नै उत्कृष्ट १अंतमुहूर्त | २२ हजार वर्ष समय समय असंख्य ऊपज १अंतर्मुहूर्त |अंतर्मुहूर्त | समय समय असंख्य ऊपज २२ हजार वर्ष २२ हजार वर्ष | १२.३ ऊपजै संख या असंख ऊपज पहली मिथ्या नियमा ६ १ वटो | १२.३ ऊपजै उत्कृष्ट नै ओधिक अंतर्मुहूर्त | २२ हजार वर्ष उत्कृष्ट नै जघन्य |अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट |२हजार वर्ष २२ हजार वर्ष मसूर चंद्र सखया असंख ऊपजे आगुल नो असख्य भाग पहली गिथ्या नियमा २७ पृथ्वीकाय में अपकाय ऊपजै तेहनों यंत्र (२) गमा २० द्वार नी सख्या उपपात द्वार परिमाण द्वार सघयणद्वार अवगाहना द्वार संठाण द्वार लेश्या द्वार दृष्टिद्वार झान-अज्ञान द्वार योगद्वार उपयोतर उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट जघन्य अंगुल नी असख १ २ ३ ओधिक नै ओधिक ओधिक नै जघन्य ओधिकनै उनष्ट अंतर्मुहूर्त | २हजार वर्ष समय समय अरांख ऊपजे अंतर्गत | ५अंगाल समय समय जसख ऊपने हजार वर्ष | २ हजार वर्ष | १२.३ऊपजै रांख या अरांख उपजे छेदटो विबुक पानी ना परोटा भाग पहली २ नियमा मिया ४ जपन्य नै ओधिक अंगुल नीरांख अंतर्गहरा | असमुहत | २२ हजार वर्ग । २२हजार वर्ष समय समय अराठा ऊपणे अंतर्मुहूर्त । रागय रामय असंख्य रुपारी २२ हजार वर्ग | १२.३ ऊपजे रांस या असंख ऊपने चिबुक-पानी नां परमोटा पहली निया ६ जघन्य नै उत्कृष्ट सखा बटो उत्कृष्ट नै ओधिक अंतर्गहत उत्कृष्ट नै जघन्य अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट उत्कृष्ट | २२ हजार वर्ग २हजार वर्ग अंतर्मुहूर्त २२ हजार वर्म १२.३ रुप अगुल नौ असंख भाग थिबुक-पानी नां परपोटा पहली नियमा असरा रुपये २८ पृथ्वीकाय में तेउकाय ऊपजै तेहनों यंत्र (३) गमा २०द्वार नी संख्या उपपात द्वार संघयण द्वार अवगाहना द्वार संठाण द्वार लेण्या द्वार | दृष्टि द्वार ज्ञान-अज्ञान द्वार योग द्वार | उपयोग द्वारा परिमाण द्वार जघन्य उत्कृष्ट जघन्य । उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट ओधिक ने ओधिक अंतर्मुहूर्त | २२ हजार वर्ष समय समय असंख ऊपजे ओधिक नै जमन्य | अंतर्मुहूर्त १अंतर्मुहूर्त समय समय असंख ऊपजै ओधिक नै उत्कृष्ट | २२ हजार वर्ष । २२ हजार वर्ष | १.२.३ ऊपजै संख या असंख ऊपजे आंगुलनों असंख भाग १छेवटो सूचीकलाप पहली नियमा काया 3 आंगुलनों अराख ४ ५ ६ जघन्य नै ओधिक, जघन्य नै जघन्य जप-य- उत्कृष्ट अंतर्मुहूर्त | १अंतर्मुहूर्त २२ हजार वर्ष | २२हजार वर्ग रामय समय असख्य रूपजे | अंतर्मुहूर्त समय रागय पसरण्य ऊपजे २२ हजार वर्ष १.२.३ऊपजै संख या असंखऊपजे दटो सूचीकलाप । पहली निथ्या निथगा काया १२.३ आंगुलना असंख उत्कृष्ट नै ओपिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट तमुहर्त अपमंडूर्त सहजार वर्ष २२ हजार वर्ष अंतर्मुहूर्त २२ हजार वर्ष संखया असंख ऊपजे १छेन्टो राशीकलाप । पहजी नियमा ६ २२८ भगवती-जोड (बण्ड-६) Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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