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५७ अप तथा वनस्पति में नवनिकाय ऊपजे तेहनों यंत्र (१४)
गमा २० द्वार नी संख्या
परिमाण द्वार
संघयण द्वार
अवगाहना द्वार
संठाण द्वार
लेश्या द्वार | दृष्टिद्वार
ज्ञान-अज्ञान द्वार
योग द्वार
उपयोग
उपपात द्वार जघन्य । उत्कृष्ट
उत्कृष्ट
असंघयणी
हाथ
४पहली
नियमा
भजना
| ओधिक नै औधिक | १४.७ गमैं जिण जिण जोधिकन जपन्य | काय मैं ऊपजै तिणरे ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट आयु में ऊपजै।
संखया असंख
आंगुल नों असंख माग
समचौरंस
असंघयणी
७हाथ
४पहली
|
३
३नियमा
भजना
जान्य नै औधिक २५८ गर्ने जिण जिण काय | जापन्य नै जघन्य |मैं ऊपजे तिन जघन्य जपन्य नै उत्कृष्ट आयु में उपजे।
संखया असंख ऊप
आंगजनों असंखभाग
समचौरंस
१२.३
असंधयणी
४ पहली
नियमा
|
भजना
| जाकृष्ट नै औधिक ३६.६ गर्म जिण जिण काय
उत्कृष्ट ने जप-य में ऊपजै तिण रै उत्कृष्ट | उत्कृष्ट ने उत्कृष्ट | आयु मै उपजे।
संखया असंस
|आंगुलना असंख भाग
समाधीश
५८ अप तथा वनस्पति में व्यंतर ऊपजे तेहनों यंत्र (२३)
गमा २० द्वार नी संख्या
संघयण द्वार
अवगाहना द्वार
सठाण द्वार
लेश्या द्वार
दृष्टिद्वार
ज्ञान-अज्ञानदार
योग द्वार
उपयोगा
उपपात द्वार जघन्य । उत्कृष्ट
परिमाण द्वार
उत्कृष्ट
जघन्य
| ओधिक नै ओधिक १४.७ गर्ने जिम जिण काय
ओधिक जघन्य | मैं रुप तिगरैजघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट आयु में ऊपरी
उपजे
संखया असंख ऊपज
आंगुलनों असंख
असंघवणी
समीरस
पहली
नियमा
हाथ
जवन्द नै औधिक | २५८ गर्ने जिन जिण काय जघन्य न जब मैं ऊपजे तिणजपन्य जघन्य उत्कृष्ट | आयु में ऊपजै।
१२.३ ऊपजे
असंघयणी
अंगुलनों। असंख
समाचौरस
असंख भाग
पहली
नियमा
भाग
| उत्कृष्ट नै ओधिक ३.६.१ गर्न जिण जिण काय
सत्पष्ट नै जघन्य | मैं ऊपजै तिज रै उत्कृष्ट | मष्ट में राष्ट| आयु में ऊपज
१२.३ ऊप
संखया असंख भाग
असंघयापी
आंगुलना असंख भाग
समचौरस
पहली
निकमा
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