Book Title: Bhagavati Jod 06
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 354
________________ ३४० १५८ नौ ग्रैवेयक में संख्याता वर्ष नों सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (१०) गमा २० द्वार नौ संख्या ~~~~~~ | UW | १ २ ओधिक मैं जघन्य ३ ४ ५ 19 ६ 9 २ 3 ५ www 19 L ओधिक नै ओधिक गमा २० द्वार नी संख्या ६ ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक १ जघन्य नै जघन्य ४ जघन्य नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक ६ जघन्य नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट अधिक नै ओधिक ओधिक नै जघन्य औधिक नै उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य 1. गमा २० द्वार नौ संख्या उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट ओधिक नै ओधिक जघन्य नै ओधिक जघन्य उत्कृष्ट नै ओधिक १ उपपात द्वार २२ सागर २२ सागर ३१ सागर २२ सागर २२ सागर ३१ सागर २२ सागर २२ सागर ३१ सागर १५६ चार अनुत्तर विमान में सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (११) १ उपपात द्वार उत्कृष्ट जघन्य ३१ सागर ३१ सागर ३३ सागर ३१ सागर ३१ सागर ३३ सागर ३१ सागर ३१ सागर ३३ सागर Jain Education International जघन्य ३३ सागर भगवती जोड (खण्ड-६) उत्कृष्ट ३३ सागर ३१ सागर ३३ सागर ३१ सागर ३१ सागर २२ सागर ३१ सागर ३१ सागर २२ सागर ३१ सागर ३३ सागर ३१ सागर ३३ सागर ३३ सागर ३१ सागर ३३ सागर १ उपपात द्वार उत्कृष्ट ३३ सागर ३१ सागर ३३ सागर ३३ सागर जघन्य ३३ सागर १२.३ ऊपजै ३३ सागर १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै १६० सर्वार्थसिद्ध में सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (१२) २ परिमाण द्वार जघन्य १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै २ परिमाण द्वार ૧૨૩ ऊपजै जघन्य उत्कृष्ट १२.३ ऊपजै संख्याता ऊपजे १२.३ ऊपजै संख्याता ऊपजै १२.३ ऊपजै संख्याता ऊपजै उत्कृष्ट संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपजै परिमाण द्वार उत्कृष्ट संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपजै ३ संघयण द्वार ६ संख्याता ऊपजे २ वज ऋषम नाराच, ऋषभ नाराय २ वज्र ऋषभ नाराय ऋषभ नाराय २ बजे ऋषभ नाराच, ऋषभ नाराच 3 संपवण द्वार ६ १ वजे ऋषभ नाराच १ वज्र ऋषभ नाराच १ वज्र ऋषभ नाराच ३ संघवण द्वार ६ १ वज्र ऋषभ नाराय १वज ऋषभ नाराच १वज ऋषभ नाराय ४ अवगाहना द्वार उत्कृष्ट जधन्य पृथक् हाथ पृथक हाथ ५. सौ धनुष्य जघन्य पृथक् पृथक हाथ ४ अवगाहना द्वार ५. सौ धनुष्य जघन्य पृथक् हाथ ५. सौ धनुष्य पृथक् हाथ पृथक हाथ ५. सौ धनुष्य ५. सौ धनुष्य उत्कृष्ट अवगाहना द्वार उत्कृष्ट ५. सौ धनुष्य पृथक हाथ ५.सी धनुष्य 金进 धनुष्य पृथक् हाथ ५. सौ धनुष्य ५ संठाण द्वार ६ ६ ५. संठाण द्वार 葛 ६ w 13 ५. संठाण द्वार ६ 6 ६ ६ For Private & Personal Use Only ६ लेश्या द्वार ६ ६ w लेश्या द्वार ६ ६ लेश्या द्वार ६. ७ दृष्टि द्वार ३ ३ 1 दृष्टि द्वारा 3 ३ w my 3 दृष्टिद्वार 3 3 ३ ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ ५ ४ भजना ४ भजना - भजना ५ भजना ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ ४ भजना ४ भजना ५ ४ भजना 3 भजना ४ भजना ३ भजना भजना भजना ज्ञान-अज्ञान द्वार 3 भजना ३ भजना ३ भजना 3 भजना ३ भजना ३ भजना १ योग द्वार 3 3 3 योग द्वार 3 3 m योग द्वार 3 ३ ३ उपयोग द्वार २ २ उपयोग द्वार २ उपयोग द्वार | www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 352 353 354 355 356 357 358 359 360