Book Title: Bhagavati Jod 06
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 352
________________ १५७ तीजै सूं बारहवें देवलोक में संख्याता वर्ष नों सन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (६) १ उपपात द्वार तीसरे मे चौथे में पांच में सातवे में | आठवे में | गमा नौवे में | दसर्वे मे । ग्यारहवें में बारहम , एज २. जसजसस.. सा रूसा. अधिक नै अधिक अधिक जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट ३ स. जययनअधिक FRE जपन्य उत्कृष्ट |RRKI88 उत्कृष्ट ने ओधिक उत्कृष्ट जघन्य २ स. । उत्कृष्ट नै उत्कृष्टस kkk रासस पास रूस कायसवेधद्वार तीसरे 4 चे 934 गमा भव 16 २२ ३२- षक वर्ष २ सागर | कोडपूर्व २८ सागर पक र सागर | कोडपूर्व सागर धकृवर्ष सागर ४ कोडपूर्व सागर । १ १ १ का २ सा. जा. | ४ कोहपूर्व सा जा. धक वर्ष २ सा. जा. I४ कोडपूर्व ८ सजा ७स.ज ४ कोहपूर्व सा.ज १पृथक वर्ष ७ सागर १पृथक वर्ष ७ सागर १पृषक व सागर ४ कोडपूर्व ४० सागर | ४ कोडापूर्व २. सागर । |४ कोडार्व भ सागर श्यक सागर भक सागर १ पृथक वर्ष १४ सागर कोडपूर्व ५६ सागर | | ४ कोटपूर्व ४० सागर | ४ कोडपूर्व ५६ सागर १४ सगर | ४ कोहपूर्व समर सागर | ४ कोडपूर्व सार पपृथक वर्ष १७ सागर | ४ बेवपूर्वक / 1- 1- १पक वर्ष २ खगर | पृथक वर्ष २८ सागर । १पृषकक्ष२ स.ज पृथक वर्ष २ सागर ४ पृथक वर्ष ८ सागर १२ सजा पृथक वर्ष सागर | पृथक् वर्ष २८ सागर | १पृषक वर्व सा जा. ४ पृषक सा जा ४ वर्ष ६ सा जा गृहक वर्ष २. सा, जा. १पृथकवा सागर १पृथक वर्व ७ सागर १पृषक वर्व सागर |४पक्व ० सम्म १पक वर्ष खगर | पृथक वर्ष २८ सागर १क वर्ष सागर | ४षक वर्ष ४० सागर | १धक वर्ग १ सागर ४पृथक वर्ष ५६ सागर ४ पृषा ४७ समर ४ पृथक वर्ष ५६ सागर १श्यक व ४ सगर १पृथक वर्ष ४ सागर पथक वर्ष १७ सागर ४पृथक वर्ष ६८ ४ पृथक्त मा ४पृथक संसार | MmIII १ कोडपूर्व २ सागर कोटपूर्व २ सागर १कोडपूर्व सागर |४ोडपूर्व र सागर ४कोडपूर्व सागर | ४ को पूर्व सागर १ कोतपूर्व २ सा.जा. १ कोटपू२स.ज १ कोटपूर्व सा. जा ४ कोटपूस साज. | ४ कोटपूर्व - साजा ४ कोस.ज. Maa - राजा १कोडपूर्व७ सागर १कोडपूर्वसागर १कोडा सागर को पूर्वक सागर । मलाई के सागर । : मेरी ४ कोडपूर्व ४० सागर ४ोडपूर्व रसागर ४ कोठपूर्व सागर १ को क सागर १कोल्यू सागर कोडपूर्व ४ सागर ४ कोडपूर्व ५६ सागर ४ कोड ४० सागर ४कोडपूर्व ५६ सागर १ कोडपूर्व १४ सागर १कोडपूर्व ४ सागर १ कोठपूर्व सागर ४ कोडपूर्व ६ सय | ४ को पूर्व सास ४ झेडपूलै 2 ३८ भगवती-जोड़ (खण्ड-६) Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360