Book Title: Bhagavati Jod 06
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 319
________________ ५ । १६ जायद्वार समुदघातदार वेदनादार वेदवार आयतार अध्यवसाय द्वार अनुबंध द्वार नाण कायसवेश द्वार जघन्य उत्कृष्ट असंख्याता जधन्य उत्कृष्ट जधन्य उकृष्ट । जपन्य काल । उत्कृष्ट काल ' ' ४पहली | मर २ पडती । । पुंसक दुलाल सगर लागर - सागर | सागर सागर पृथकक्षा ६८सारकोडपूर्व १० सागर१पृथक वर्ष ६८ सागर ४ पृथकवर्ष ' गर १कोडपूर्व । ६.सागर ४ कोडपूर्व ४पहली | १नधुराक सागर सागर सागर।१०सागर १० सागर पृथक वर्ग सार१पृथक वर्ष ५० सागर १ कोहपूर्व सागर ४ कोडपूर्व ५० सागर ४ पृथकवर्ष ४० सागर ४ कोदाई अनुसार ४चाली १नपुंसक समरर "सागर "गागर आयु १७ सागर १पृथक वर्ष १० सागर१पृथक दर्व "सागर १ कोडपूर्व ६८ सागर ४ कोडपूर्व ६८ सागर ४थक वर्ष ।६८ सागर ४ कोडपूर्व अनुब्ध १२ कवाय द्वार दार इन्द्रिय द्वार सनुदायत द्वार वेदनाद्वार वेद द्वारा आयुद्वार नाणता कायसव द्वार जयदसाय द्वारी अनुबंध द्वार उसस्क्राशा जघन्य जघन्य जधन्दकाल उत्कृष्ट काल ४पहली २ । नपुंसक सागर | समर । नासागर सागर १७ सागर१धक वर्ष सागर ४ कोडपूर्व सापर १ पृथक वर्ष ६८ सागर ४ पृथवर्ष सागर १ कोडपर्व | ८८ सागर ४ कोडपूर्व ४ पहली नपुंसक सगर सागर सागर | सागर आय "सागर१पृथक वर्ष सगर१पृथक वर्ष " सागर १ कोडपूर्व सागर ४कोजपूर्व ६८ सागर ४ पृथक वर्ष सागर ४ कोतपूर्व अनुबंध ४पहली नपुंसक सागर २२ सागर सागर | सागर आयु २१ सागर१पृथक वर्ष ससागर १ पृथर न २२मगर १ कोडपूर्व ८ नागर ४कोडपूर्व गर ४ पृथक वर्ष सागर ४ कोडपूर्व १२ समुदधातद्वार वेदनाद्वार आयु द्वार नाणत्ता कादसा द्वार अध्याय द्वार असंख्याता अनुभव द्वार जघन्य | उत्कृष्ट जयन्दकृष्ट उपन्या उत्कृष्ट जघन्य बाल १y नपुंसक अंतर्मुल हजार अंतर्मुहूर्त २२ हजार उत्कृष्ट काल ८८ हजार कोठपूर्व हजार वर्ष ४ अंतर्ग ८८ हजार वर्ष ४ कोडपूर्व १आहत १ अंत १अंतर्मुहूर्त :अंतर्मु १अंतर्गुहूतं १ को उपूर्व मुंब पहली २ नपुंसक अंतर्मुहूर्त | अंतहत । भारताला अंतर्मुहूर्त अंतर्भूत भूख लेण्या, आयु अध्य०, अनु ५ अंok. १अंत तk १७.१ कोटपूर्द अंतर्मु ४ कोडपूर्व |४अंतर्मु, ४ अंतर्मु अंतर्मु कोडापूर्व पहली नपुंसक २२ हजार २ हजार मला सहबार २२४जार . ANALI २२ हजार अंतk |८ हजार वर्ष ४ कोडपूर्व सहजार वर्ग ८८ हजार पर्व ४ अंदमुं २२मा ३१ कोशपूर्व ८ हजार वर्ष ४ कोडपर्व गमा ३०५ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360