Book Title: Bhagavati Jod 06
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 332
________________ १३० मनुष्य में छठे लान्तक देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३४) गमा २० द्वार नीं संख्या |~~~ | DUN 3 ४ ५ ६ ७ ६ २ ३ ४ ५ ६ ७ १ t उत्कृष्ट में उत्कृष्ट १ कोडपूर्व गमा २० द्वार नी संख्या जघन्य ओधिक मैं ओधिक १ पृष्थक वर्ष ओधिक नै जघन्य १ पृष्थक वर्ष १ कोडपूर्व ओधिक मैं उत्कृष्ट 4 जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य २ ४. ५ ६ १ पृथक् वर्ष १ पृथ्थक वर्ष जघन्य में उत्कृष्ट १ कोडपूर्व उत्कृष्ट नै ओधिक १ पृथक् वर्ष 19 उपपात द्वार उत्कृष्ट नै जघन्य १ पृथक् वर्ष गमा २० द्वार नौ संख्या ओधिक में ओधिक १ पृथक् वर्ष ओधिक नैं जघन्य १ पृथक् वर्ष ओधिक मैं उत्कृष्ट १ कोडपूर्व जघन्य जघन्य नै ओधिक १ पृथक वर्ष जघन्य नै जघन्य १ पृथक वर्ष जघन्य नै उत्कृष्ट १ कोडपूर्व उत्कृष्ट नै ओधिक १ पृथक् वर्ष उत्कृष्ट नै जधन्य १ पृथक वर्ष उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट १ कोडपूर्व १३१ मनुष्य में सातवें शुक्र देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३५) १ उपपात द्वार ३१८ २ परिमाण द्वार उत्कृष्ट जघन्य उत्कृष्ट १ कोडपूर्व संख्याता ૧૨.૩ ऊपजै १ पृथक वर्ष ऊपजै १ कोडपूर्व जघन्य ओधिक नै ओधिक १ पृथकवर्ष ओधिक ने जघन्य १ पृथकवर्ष ओधिक नै उत्कृष्ट १ कोडपूर्व जघन्य नै जघन्य जघन्य नै ओधिक १ पृथक् वर्ष १ पृथकवर्ष जघन्य नै उत्कृष्ट १ कोडपूर्व उत्कृष्ट में ओधिक १ पृथक वर्ष ५ उत्कृष्ट नै जघन्य १ पृथक्वर्ष ६ उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट १ कोडपूर्व १ कोडपूर्व १ पृथक् वर्ष १ कोडपूर्व १ कोडपूर्व १ पृथक वर्ष १ कोडपूर्व Jain Education International उत्कृष्ट १ कोडपूर्व १ पृथक् वर्ष १ कोडपूर्व उपपात द्वार उत्कृष्ट १ कोडपूर्व १ पृथक वर्ष १ फोडपूर्व १ कोडपूर्व १ पृथक् वर्ष १ कोडपूर्व १ कोडपूर्व १ पृथक वर्ष १ कोडपूर्व १. कोडपूर्व १] पृथक वर्ष १] कोडपूर्व १.२.३ ऊपजै १ कोडपूर्व पृथक वर्ष १ कोडपूर्व भगवती जोड (खण्ड-६) १२.३ ऊपजै जघन्य १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजै १.२.३ ऊपजै परिमाण द्वार संघयण द्वार ६ उत्कृष्ट संख्याता असंघयणी ऊपजै संख्याता ऊपजे संख्याता ऊपजै १३२ मनुष्य में आठवें सहस्रार देवलोक नां ऊपजै तेहनों यंत्र (३६) जघन्य १.२.३ ऊपजै १.२.३ ऊपजै ३ संघयण द्वार ६ असंघयणी असंघयणी असंघयणी संख्याता असंघयणी ऊपजै २ परिमाण द्वार उत्कृष्ट संख्याता ૧૨.૩ ऊपजै ऊपजै संख्याता असंघयणी ऊपजै संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपजै 3 संघयण द्वार ६ असंघवणी अव० भवधारणी असंघयणी जघन्य असंघयणी आंगुल नौ असंख भाग आंगुल न असंख भाग आंगुल न असंख भाग जघन्य आंगुल न असंख भाग अव० भवधारणी आंगुल न अराख भाग आंगुल न असंख भाग जघन्य आंगुल न असंख भाग उत्कृष्ट ५ हाथ आंगुल नॉ असंख भाग ५ हाथ आंगुल न असंख भाग ५] हाथ उत्कृष्ट अव० भवधारणी ४ हाथ ४] हाथ ४] हाथ उत्कृष्ट ४ हाथ ४ हाथ अव उत्तर दे० ४ जघन्य आंगुल न ਚ आंगुल न संख भाग आंगुल न संख भाग आंगुल न संख्याता भाग आंगुल न संख्याता भाग आंगुल न संख्याता भाग अव० उत्तर ० जघन्य उत्कृष्ट आंगुल न संख भाग de आंगुल न संख भाग १ लाख योजन आंगुल न संख भाग १ लाख योजन १ लाख योजन १ लाख योजन अव० उत्तर वै० उत्कृष्ट जघन्य १ लाख योजन १ लाख -योजन १ लाख योजन ५ संठाण ६ वैक्रिय मूल १ समचौरंस For Private & Personal Use Only १ समचौरस १ समचौरस मूल १ समचौरंस १ समचौरंस १ समचौरंस मूल ५ संठाण ६ वैक्रिय नाना प्रकार १ लाख योजन समधीरंस नाना प्रकार १ लाख योजन समचौरंस नाना प्रकार नाना प्रकार नाना प्रकार ५ संठाण ६ वैक्रिय नाना प्रकार १ नाना समधीरंस प्रकार नाना प्रकार प्रकार ६ ७ लेश्या द्वार दृष्टि द्वार ६ ३ १ शुक्ल १ शुक्ल १ शुक्ल लेश्या द्वार ६ १ शुक्ल १ शुक्ल १] शुक्ल १ शुक्ल १ शुक्ल 3 १ शुक्ल 3 ३ 19 दृष्टि द्वार ३ लेश्या द्वार दृष्टि द्वार ६ 3 3 3 3 3 ज्ञान-अज्ञान द्वार ५ ३ नियमा ३ नियमा ३ ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ज्ञान-अज्ञान द्वार ५. 3 ३ नियमा ३ नियन्त ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ज्ञान-अज्ञान द्वार ५ ३ ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ३ नियमा ६ 40 योग द्वार उपयोग द्वार 3 ३ ३ ३ 3 ૬ १० योग द्वार उपयोग द्वा ३ २ M 3 ३ ३ २ योग द्वार उपयोग द्वार २ 3 २ 3 २ २ २ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360