Book Title: Avashyakasutram Part_1
Author(s): Bhadrabahuswami, Malaygiri,
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust
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नचैव धाति, तेहिं भणियं-एयस्स बहुगं देह, दिन्नं बहुयं, पच्छा न नित्थरइ, ताहे से उवरि छुढे, ततो उक्कीलंतो गच्छइ, ततो भयवं जंबूसंर्ड नाम गामं गतो, तत्थवि तहेव अच्छारियाभत नवरं तत्थ खीरकूरो तहेव जिमितोय धरिसितो ये॥
एतदेव सङ्केपेणाहहै कयलिसमागम भोयण मंखलि दहिकूर भगवओ पडिमा । जंबूसंडे गुट्टिय भोअणं भगवओ पडिमा ॥४८३ ॥ । कदलीसमागमो नाम ग्रामः, तत्र मडले:-मंखलिसुतस्य गोशालस्य दधिसम्मिश्रं कूरं भोजनमभूत्, भगवतः प्रतिमा-कायोत्सर्गः, ततो भगवान् जम्बूखण्डो नाम ग्रामस्तत्र गतः, तत्र गोशालो गोष्ठयां भोजनं क्षीरसम्मिश्रकूररूपं १ लब्धवान् , भगवतस्तथैव प्रतिमा ।।
ततो भयवं तंबायं नाम गामो, तत्थ आगच्छति, तत्थ नंदिसेणा नाम थेरा बहुस्सुया बहुपरिवारा पासावञ्चिज्जा, तेऽवि जिणकप्परस परिकम्मं करेंति, सामी बाहिं पडिमं ठितो, गोसालो अतिगतो, तहेव पवइए पेच्छइ खिंसइ य, ते आयरिया तदिवसं चउक्के पडिमं ठिया, पच्छा तहिं आरक्खियपुत्तेण हिंडतेण चोरत्तिकाऊण भल्लएणाहया, केवलनाणं, सेसं जहा मुणिचंदस्स जाव गोसालो वोहित्ता आगतो, ततो सामी कृवियं नाम संनिवेसं गतो, तत्थ चारियत्तिकाऊण घेप्पंति
पिट्टिनति य, तत्थ लोगसमुल्लावो-अहो देवज्जगो रूवेण जुवणेण य अप्रतिमो चारियत्ति काउंगहितो, तस्थ विजया पगन्भा *य दोन्नि पासनाहंतेवासिणीतो परिवाइयातो, लोगस्स पासे सोऊण तित्थगरो पबइयो बच्चामो ता पलाएमो, को जाणइ
होजा, ताहे तेहिं मोइतो, दुरप्पा न याणह चरमतित्थयर सिद्धत्थरायपुत्री, अज भे सक्को उवालंमिस्सइत्ति, ताहे मुक्को
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