Book Title: Avashyakasutram Part_1
Author(s): Bhadrabahuswami, Malaygiri, 
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 607
________________ '.29- 196 उपोद्धात- रण्णो ईसरस्स वा धूया एसा मा आवई पावउत्ति जत्तियं सो भणइ तत्तिएण मोल्लेण गहिया, वरं तेण समं गमणागमणं चन्दनानिर्यकौमे होहिइत्ति, नीया नियरिं, कासि तुमंति पुच्छिया न साहइ, पच्छा तेण धूयत्ति गहिया, एवं सण्णाणिया, मूलावितं कौशाश्रीवीर- तेण भणिया-एसा तुम्भं धूया, एवं सा तत्थ जहा नियघरे तहा सुहंसुहेणं अच्छइ, तीएवि सो सदासपरियणो लोगो म्यां पार|सीलेण विणएण य सबो अप्पणिजों कतो, ताहे ताणि सवाणि भणंति-अहो इमा सीलचंदणत्ति, ताहे से बिइयंपि नाम णकं कयं चंदणत्ति, एवं कालो वच्चइ, ततो ताए घरिणीए अवमाणो जातो मच्छरिजइ य, को जाणइ कयाइ एस एयं पडि॥२९५|| वजेजा? ताहे अहं घरस्स असामिणी भविस्सामि, तीसे वाला अतीव दीहारमणिज्जा किण्हा य, सो सेट्ठी मज्झण्हं जण विरहिए आगतो जाव नत्थि कोऽवि जो पाए पक्खालेइ, ताहे सा पाणियं गहाय निग्गया, तेण वारिया, सा मडाएर धोविउ पवत्ता, ताए धोवंतीए वाला बद्धेल्लगा छुट्टा, मा चिक्खल्ले पडिहिंतित्ति तस्स सेद्विस्स हत्थे लीलाक8 तेण | धरिया बद्धा य, मूला य ओलोयणगया पेच्छइ, तीए णायं-विणटुं कजं, जइ एयं कहवि परिणेइ तो मम एस णत्थि, जाव तरुणतो वाही ताव तिगिच्छामि, सेट्ठिमि विणिग्गए तीए ण्हावियं वाहरावित्ता सा चंदणा बोडाविता नियलेहि य बद्धा पिट्टिया य, वारियतो अणाए परियणो-जो साहइ वाणियरस सो मे णत्थि, सा घरे छोण तस्स घरस्स दारं दिन्नं तालयं च, सो सेट्ठी आगतो पुच्छइ-कहिं चंदणा, न कोइ साहइ भएण, सो जाणइ-नूणं रमइ उवरिं वा चिट्ठइ, एवं ॥२९५॥ रतिपि पुच्छिया, जाणइ-सा नूणं सुत्ता, बिइयदिवसेवि न दिवा, तइयदिवसे घणं पुच्छइ, साहेह मा मे मारेह, ततो धेरदासी एक्का चिंतेइ-किंमम जीविएण!, सा जीवउ वराई, ताए कहियं-अमुयघरे, तेण उग्घाडियादारा, पेच्छइ छुहाहयं For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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