________________
१६० अतीत का वसंत : वर्तमान का सौरभं
२. परिवर्तन। ३. न नयी स्थापना और न परिवर्तन, केवल व्यवहार का प्रश्न।
आप इन तीनों पर विचार करें। आपका दृष्टिकोण सम्यक् होगा, आप सही निर्णय ले सकेंगे।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org