Book Title: Aryikaratna Gyanmati Abhivandan Granth
Author(s): Ravindra Jain
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 17
________________ ३८१, नमन तेरा शत बार है ३८२. लोक नृत्यगीत आशुकवि गोकुलचन्द्र 'मधुर' २४६ वीरबाल सदन, सरधना २४६ आर्यिका ज्ञानमती परिचय ३३५ ३४१ ४०४. आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी के दो स्तम्भ : क्षु. मोतीसागरजी एवं ब. रवीन्द्र कुमारजी डॉ. कस्तूरचन्द कासलीवाल ४०५. गणिनी आर्यिका श्री के दीक्षागरू आचार्य श्री वीरसागरजी महाराज का परिचय ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन, हस्तिनापुर ४०६. गणिनी आर्यिकाश्री की पवित्र जन्मस्थली गौरवशाली टिकैतनगर लालचन्द जैन, टिकैतनगर ४०७. Dynamic Jain Sadhwi: Ganini Gyanmatiji N.L. Jain, Rewa ४०८. पौर्णिमे चा चन्द्र सौ. शोभना शहा, अकलूज ४०९. पूर्णिमाचन्द्र समान आर्यिका ज्ञानमती माताजी ब्रह्मसागर वर्णी, कर्नाटक ४१०. सांप्रत नी शारदा क्षुल्लक चितसागरजी ४११. तमिल भाषा में माताजी का परिचय पं. सिंहचन्द्र शास्त्री, मद्रास ४१२. माताश्री ज्ञानमती अभिनन्दन ग्रंथ के प्रकाशन हेत् क्रान्तिकारी जैन माताश्री ज्ञानमती परषोत्तम जैन, रवीन्द्र जैन, मलेर कोटला ३७६ ३८२ ३९१ २८० ३८३. गणिनी आर्यिकारत्न श्रीज्ञानमती मातुः पवित्र गर्वावलिः आर्यिका चन्दनामतिः ३८४. बीसवीं शताब्दी की प्रथम बालब्रह्मचारिणी गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी का जीवन परिचय आर्यिका चन्दनामती ३८५. कुशल अनुशासिका-गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी क्ष. मोतीसागर ३८६. भक्ति-मार्ग प्रदर्शिका डॉ. कस्तचन्द कासलीवाल, जयपुर ३८७. बहुश्रुत विदुषी लेखिका आ. ज्ञानमती माताजी डॉ. प्रेमसुमन जैन, उदयपुर २७० ३८८. चरित्र संवर्द्धिका आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत २७३ ३८९. रत्नत्रयपूर्णा गणिनी ज्ञानमती माताजी प्रो. टीकमचन्द जैन, दिल्ली २७५ ३९०. माताजी साध्वी ही नहीं, महान् धर्म प्रभाविका भी हैं सुमत प्रसाद जैन, दिल्ली २७५ ३९१. कलियुग की ब्राह्मी माताज्ञानमतीजी ब्र.कु. आस्था शास्त्री, हस्तिनापुर २७७ ३९२. चतुरनयोग मार्गदर्शिकाज्ञानमती माताजी मनोज कुमार जैन, हस्तिनापुर २७९ ३९३. ज्ञान का भंडार ज्ञानमतीजी । आनन्दीलाल जीवराज दोशी, फलटण ३९४. योगक्षेत्र में ज्ञानमती माताजी का वैशिष्ट्य ब्र.क. बीना जैन, जम्बद्वीप ३९५. (नृत्य नाटिका) वैराग्य अंकुर वीर कुमार जैन, टिकैतनगर २८३ ३९६. गणिनी आर्यिका श्री का सरस काव्य परिचय स्व. कवि शर्मन लाल 'सरस', सकरार, झाँसी ३९७, ब्राह्मीव सुस्थिरमतिः सुभगा कुमारी पं. जगन्नारायण पांडेय, जयपुर ३०३ ३९८. आर्यिकारत्नोपाधिविभूषितायाः गणिन्याः श्री ज्ञानमत्याः व्यक्तित्वं कृतित्वञ्च महेन्द्र कुमारो 'महेशः', शास्त्री ३०७ ३९९. णाणमादि-णाणं डॉ. उदयचन्द जैन, उदयपुर ३०८ ४००. ज्ञानमति का ज्ञान डॉ. उदयचन्द जैन, उदयपुर । ४०१. आचार्य श्री शांतिसागरजी से आचार्य श्री अभिनन्दनसागर तक निर्दोष आचार्य परम्परा डॉ. शेखरचन्द्र जैन, ___ अहमदाबाद ३२९ ४०२. गणिनी आर्यिका श्री की जन्मदात्री आर्यिका श्री रत्नमती माताजी अतीत के आइने में श्रीमती ज्योति जैन, श्रीमती प्रीति जैन, अहमदाबाद ४०३. गणिनी आर्यिकाश्री के गृहस्थावस्था के पिताजी महान् आत्माओं के जनक-लाला छोटेलालजी जैन डॉ. कस्तूरचन्द कासलीवाल, जयपुर ३३४ ४०३ महन्न समीक्षा ४१३. अष्टसहस्री ग्रन्थराज है। बाल ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन, हस्तिनापुर ४१४. जैन न्याय की सर्वोत्कृष्ट कृति अष्टसहस्री और उसका अनुवाद डॉ. दरबारी लाल कोठिया, वाराणसी ३९८ ४१५. अष्टसहस्री की स्याद्वाद चिन्तामणि टीका डॉ. रमेशचन्द जैन, बिजनौर ४१६. मूलाचार डॉ. पन्नालाल जैन, जबलपुर ४०५ ४१७. दिगम्बर मुनि डॉ. पन्नालाल, जबलपुर ४०८ ४१८. समयसार (पूर्वार्द्ध) आर्यिका चन्दनामतीजी, जम्बूद्वीप, हस्तिनापुर ४०९ ४१९. नियमसार की आर्यिका ज्ञानमतीकृत स्याद्वादचन्द्रिका डॉ. जयकुमार जैन, मुजफ्फरनगर ४२०. नियमसार शिवचरण लाल जैन, मैनपुरी ४१३ ४२१. नियमसार पद्यावली डॉ. कमलेश कुमार जैन, वाराणसी ४१५ ४२२. आराधना डॉ. जयकुमार जैन, मुजफ्फरनगर ४२३. जिनस्तोत्र संग्रह डॉ. जयकुमार जैन, मुजफ्फरनगर ४१९ ४२४. मुनिचर्या आर्यिका चन्दनामती, हस्तिनापुर ४२४ ४२५. कुन्दकुन्द मणिमाला : समीक्षा डॉ. जयकुमार जैन, मुजफ्फरनगर ४२७ ३२१ टीका ४११ ४१७ ३३२ Jain Educationa international For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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