Book Title: Aryikaratna Gyanmati Abhivandan Granth Author(s): Ravindra Jain Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh SansthanPage 15
________________ १६४ १४९ १५१ CNCNC MAD २४५. चिरस्मरणीय माताजी के उपकार प्रकाशचन्द्र जैन पांड्या, कोटा १४८ २४६, पावन सानिध्य का सौभाग्य राकेश कुमार जैन, मवाना १४८ २४७. जैन वाङ्मय की अद्भुत सृजका अजित प्रसाद जैन, लखनऊ २४८. शास्त्रों की महानतम ज्ञाता डॉ. सूरजमल गणेशलाल जैन, मांगीतुंगी १५० २४९. आप एक भवावतारी हैं । नवनिधिराय जैन, सरधना १५० २५०. अनुपम रत्न दीपक कुमार जैन, सरधना १५० २५१. आर्य परम्परा की प्रचारिका नन्दलाल टोंग्या, इन्दौर २५२. माताजी की ज्ञानज्योति सदैव प्रज्वलित रहे विनोद हर्ष, अहमदाबाद २५३. विनयांजलि उत्तमचन्द निर्की, कोटा १५२ २५४. महान् विभूति उदयभान जैन, भरतपुर १५३ २५५. ज्ञानमती माताजी : एक अनूठा व्यक्तित्व प्रमोद कुमार जैन, सरधना १५३ २५६. नारी जाति का गौरव सुमेरचन्द जैन, जबलपुर १५४ २५७. त्याग एवं साधना की मर्ति माँ ज्ञानमती हकीम आदीश्वर प्रसाद जैन, सरधना १५४ २५८, ओजस्वी वाणी की स्वामिनी महावीर प्रसाद जैन, मोहनीदेवी जैन, लालासवाला १५४ २५९. अगाध ज्ञान से परिपूर्ण चौधरी सुमेरमल जैन, अजमेर १५५ २६०. विनयांजलि कपूरचन्द बड़जात्या, फुलेरा। १५५ २६१. माताजी का ऋणी जैन समाज प्रद्यमन कमार अमरचन्द्र जैन, टिकैतनगर १५५ २६२. माताजी की नमनीय तपाराधना जयचन्द बाकलीवाल, मद्रास १५६ २६३. आदर्श नारी का अभिनन्दन सेठ नाथूलाल जैन, लोहारिया , १५६ २६४. कृतज्ञांजलि विजयलाल जैन, लखनऊ १५६ २६५. आर्यिकाओं में अग्रणी पोपटलाल कालीदास कोठारी, १५६ २६६. महान् एवं पवित्र आत्मा हुलासचन्द जैन (सेठी), गौहाटी १५७ २६७. सरस्वती की प्रतिमूर्ति तारादेवी कासलीवाल, जयपुर १५७ २६८. नारी जाति की शोभा शशिकला जैन, जयपुर १५७ २६९. शांति की मेघदूती : माताजी कंवरीलाल तेजराज बोहरा, आनन्दपुर कालू १५७ २७०. माताजी का चिरस्मरणीय उपकार श्रीचंद जैन, सनावद १५८ २७१. मृदुभाषिणी माताजी नेमीचन्द्र चाँदवाड़, झालरापाटन १५८ २७२. साहस और विद्वत्ता की मूर्ति राजेन्द्र कुमार जैन, मेरठ १५८ २७३. चिर स्मृतियाँ श्रीमती जैनमती जैन, बाराबंकी १५९ २७४. माताजी के दर्शन का चमत्कार ललित सरावगी, फरविसगंज १५९ २७५. कुशल आर्चीटेक्ट कैलाशचन्द्र जैन, मेरठ १६० २७६. जैन समाज की चेतना चमनलाल जैन, खतौली १६० २७७. धन्य मात तेरा जीवन कु. किरणमाला जैन, टिकैतनगर १६१ २७८. परोपकार : माताजी के जीवन की सार्थकता धूलचन्द्र जैन, चावंड १६१ २७९. जम्बूद्वीप की पावन प्रेरिका जम्बूकमार जैन सर्राफ, टिकैतनगर १६२ २८०. बच्चे-बच्चे की परिचिता माताजी कु. नमिता जैन, दरियाबाद १६२ २८१. शब्दाञ्जलि अर्पित करता हूँ सुशील जैन, मोदीनगर १६३ २८२. अनमोल शिक्षाओं की प्रदात्री पुष्पेन्द्र जैन, दिल्ली १६३ २८३. गुरु गुण लिखें न जायें कलम से सौ. शोभा एवं शरदचन्द पहाड़े, श्रीरामपुर २८४, चारित्रमूर्ति ज्ञानमती माताजी अरविन्द कुमार जैन, मेरठ १६४ २८५ कलिकाल की शारदा श्रीमती कमलेश जैन, मेरठ १६५ २८६. एक अनुभव-एक प्रश्न कैलाशचन्द जैन, मुजफ्फरनगर १६५ २८७. मैना से ज्ञानमती तक की संक्षिप्त यात्रा आनन्द प्रकाश जैन, दिल्ली १६५ २८८, सूर्य के समान तेजस्वी माँ को मेरा शत-शत वन्दन संजय कुमार जैन, विजय कुमार जैन, कानपुर १६६ २८९. सच्ची माता देवेन्द्र जैन, जबलपुर १६७ २९०. नारी आदर्श की गौरव प्रदात्री रमेश कुमार जैन, मयी दिल्ली १६८ २९१. धन्य हो गयी माँ को पाकर श्रीमती विमला जैन, नयी दिल्ली १६८ २९२. शत-शत वन्दन पुरुषोत्तमदास जैन, जगाधरी १६९ २९३. नसीब अपना-अपना कुमुदनी देवी जैन, कानपुर १७० २९४. पर्वतीय दृढ़ता का प्रतीक सौ. कामनी जैन, दरियाबाद १७० २९५. अपूर्व साध्वी आनन्द प्रकाश जैन, फरीदाबाद १७१ २९६. शब्दातीत व्यक्तित्व की धनी महावीर प्रसाद जैन, हिसार १७१ २९७. विनयांजलि श्रीमती सुशीला सालगिया, इन्दौर १७१ २९८. बीसवीं सदी की महानतम विभूति कु. सारिका जैन, मवाना १७२ २९९. नारी से नारायणी बनी ज्ञानमती मात शातिदेवी जैन, लखनऊ १७२ ३००. ममतामयी माँ ज्ञानमती अजीत टोंग्या, गुणवंत टोंग्या, बड़नगर ३०१. ज्ञानमती माँ के चरणों में वन्दन शत-शत बार है श्रीमती देवी, बहाराइच १७३ ३०२. माताजी युगों तक स्मरणीय रहेंगी रतनलाल जैन, मेरठ १७४ ३०३. समाज का अपूर्व रत्न कपूरचन्द जैन, गौहाटी १७४ ३०४. आध्यात्मिक उज्ज्वलता की प्रतीक कर्मचन्द जैन, दिल्ली __ १७५ ३०५. विश्व का कल्याण होगा राय देवेन्द्र प्रसाद जैन, गोरखपुर १७५ ३०६. अपूर्व क्रांति का सूत्रपात्र किया सुबोध कुमार जैन, आरा १७५ ३०७. जीवन के उच्चतम शिखर पर वीरेन्द्र कुमार जैन, रायबरेली १७६ ३०८, त्याग, स्नेह एवं करुणा की प्रतिमूर्ति आर्यिका ज्ञानमती विजेन्द्र कुमार जैन, शाहदरा १७६ ३०९. परमपूज्य माताजी के अभिनन्दन ग्रन्थ हेतु प्रभात जैन, चित्रा जैन, फरीदाबाद १७७ ३१०. बात ऐसे बनी श्रीमती निशा जैन, सारंगपुर १७८ ३११. परहित में संलग्न श्रीमती संतोष कुमारी जैन, नागौर १७९ ३१२. ज्ञानमती माताजी मेरी इष्ट देवी वासुदेवपाल, गोहाटी १७९ ३१३. वात्सल्य की जीवन्त प्रतिमा पं. बाबूलाल फागुल्ल, वाराणसी १७९ ३१४. साक्षात् कल्पवृक्ष हैं माताजी अनिल कुमार जैन, दिल्ली १८० ३१५. १०५ गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती मातुः स्तुतिः आर्यिका श्री जिनमती माताजी १८१ १७३ Jain Educationa international For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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