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. अणुव्रत-दृष्टि __ देखा जाता है कि गौशाला जैसी संस्थाओंके पदाधिकारी भी रुपये हड़प लेनेके आरोपोंसे आये दिन बदले जाते हैं। यह नियम अणुव्रतियोंको एक आदर्श और विश्वस्त कार्यकर्ता व पदाधिकारी बनाता है जो समाज और देशके लिए गौरव का विषय बन सकता है । १०- जाली सिक्का या नोट न बनाना, न बनाने की सम्मति देना।
जाली सिका या नोट बनाना एक बड़ी चोरी और बड़ा राजकीय अपराध है। तत्प्रकारके अपराधियोंको भी विषमतम यंत्रणायें भोगनी पड़ती हैं। अणुव्रती तत्सम्बन्धी षड्यंत्रोंसे किसी प्रकारका सम्बन्ध नहीं रख सकता।
११--बिना टिकटके रेल आदिसे यात्रा न करना ।
आज जनतामें नियमानुवर्तिताका अत्यन्त अभाव है। इससे सामूहिक अव्यवस्थाको बहुत बल मिल रहा है। देशके कर्णधार चिल्ला-चिल्लाकर कहते रहते हैं,–'जनता अपने कर्तव्यको समझे' किन्तु उनकी आवाज जनताके हृदय तक नहीं पहुंचती। बिना टिकट रेलयात्रा करना भी इस विषयका एक प्रमुख अंग है। ऐसी चोरियोंको लोग बहुत साधारण समझ लेते हैं किन्तु इन साधारण चोरियोंका आदी होता-होता आजका मानव-समाज अपनी मानवता को ही भूल-सा गया है। जीवनके एक-एक पहलुमें न जाने कितनी-कितनी बुराइयोंने घर कर लिया है। 'अणुव्रती-संघ' वह सूक्ष्मदर्शक यंत्र है जो जीवनकी छोटी-बड़ी प्रत्येक बुराईको ढूँढ़ निकालनेका उद्दश्य रखता है । अणुव्रती एक आदर्श नागरिक है, वह किसी विषयमें कर्त्तव्याकर्त्तव्यके विवेकको भूल नहीं सकता।
स्पष्टीकरण समयके अभाव या अन्य किसी कारणसे बिना टिकट रेलादिमें बैठना पड़ता हो और यदि पैसे हजम करनेकी भावना और चेष्टा न हो तो उक्त नियममें दोष नहीं आता।
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