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अणव्रत दृष्टि शुद्धाशुद्धि-पत्र
पृष्ठ पंक्ति शब्द अशुद्ध लेखकीय (क १३४।५। तुलना दोनों तुलना अधिकांशतः दोनों (ग) १ से ३ इस पुस्तक को " यह पैरा बिल्कुल उठा दें
ध्यान रखेंगे। २६ २०१२१ इसके साथ यह तो यह अंश उठा दें
स्वाभाविक है ही कि २६ २२ ६७ मिलता रहे मिले २६ २३६ होते रहें बनें यह तो स्वाभाविक ही है ३८ ७८ की एक
की गृहस्थ एक ३८ १ ० ३४५ न करते हुए नहीं कर सकता इसलिए १ रोगों से
रोगों से भी
११ वीं
पंक्ति के
यह भोजन असंयमको नियन्त्रित करनेवाले नियमों में से एक है।
बाद
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