Book Title: Anusandhan 2015 12 SrNo 68
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 28
________________ अनुसन्धान-६८ ० ० (ऊर्ध्वलोक) गा.नं. स्थल शाश्वतजिनचैत्य शाश्वतजिनबिम्ब (भास) संख्या संख्या २४ १ सौधर्म देवलोक ३२,००००० x १८० ५७,६०,००००० २४ २ ईशान " २८,००००० ५०,४०,००००० २५ ३ सनत्कुमार " १२,००००० २१,६०,००००० २६ ४ माहेन्द्र " ८,००००० १४,४०,००००० २७ ५ ब्रह्म " ४,००००० ७,२०,००००० २८ ६ लांतक " ५०,००० ९०,००००० २९ ७ शुक्र ४०,००० ७२,००००० ३० ८ सहस्रार ६,००० १०,८०००० ३१ ९ आनत २०० ३६,००० ३१ १० प्राणत २०० ३६,००० ३२ ११ आरण " १५० २७,००० ३२ १२ अच्युत १५० २७,००० ३३ नीचेना त्रण ग्रैवेयक देवलोक १११ x १२० १३,३२० ३४ वचळा त्रण ग्रैवेयक " १०७ १२,८४० ३५ उपरना त्रण ग्रैवेयक " १०० १२,००० ३५ पांच अनुत्तर ६०० ३६-३७ ऊर्ध्वलोकना कुल शा.चैत्य८४,९७,०२३ शा.बिम्ब-१५२,९४,४४,७६० (त्रणे लोक) गा.नं. स्थल शाश्वतजिनचैत्य शाश्वतजिनबिम्ब (भास) भवनपतिमां संख्या संख्या १४ ति लोकमां ३२५९ ३,९१,३२० २२-२३ पाताललोकमां ७,७२,००,००० १३,८९,६०,००,००० ३६-३७ ऊर्ध्वलोकमां ८४,९७,०२३ १,५२,९४,४४,७६० ३८ त्रणे लोकमां शा. ८,५७,००,२८२ शा.बिम्ब१५,४२,५८,३६,०८० चैत्य कुल

Loading...

Page Navigation
1 ... 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147