Book Title: Anusandhan 2015 12 SrNo 68
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 48
________________ अनुसन्धान-६८ ११. मेदिनीपुर(-मेडता) बिराजमान श्रीविजयप्रभसूरिजी पर सादडीथी महोपाध्याय श्रीमेघविजयजी द्वारा लिखित, संस्कृत, २३७ श्लोक (त्रुटित, अपूर्ण, भेळसेळ थई गयेलो पत्र), अनेक चित्रकाव्योथी अलङ्कृत, 'चित्रकोश काव्य' नाम, आदि - स्वस्तिश्रीसदनं भजामि सुभगं श्रीविश्वसेनाङ्गजम्; सं. - म. विनयसागर, प्रत - राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान - बीकानेर, मोतीचंदजी खजांची सङ्ग्रह, 'श' २८४, पत्र संख्या ४-६; अङ्क ६०, पृ. २८-५५. १२. उपाध्याय श्रीमेघविजयजी द्वारा लिखित, संस्कृत, ४९ श्लोक, खण्डितप्राय, आदि - अथ गगनरमायाचित्रमायानुकारी; सं. - म. विनयसागर; अङ्क ६०, पृ. ५६-६३. १३. सूर्यपुर(-सूरत) बिराजमान श्रीविजयसेनसूरिजी पर वैजल्लपुर(वेजलपुर - अमदावाद)थी श्रीविद्याविजयजी द्वारा लिखित, सं. १६५६-१६७२ वच्चे, संस्कृत, ८० श्लोक, शार्दूलविक्रीडित छन्दमां सर्व श्लोक, पत्रनी पाछली तरफ ७ जिनस्तोत्रो, 'गुरुराजविज्ञप्तिपत्रिका' नाम, आदि - स्वस्तिश्रीसुखसञ्चयं रचयति स्फारीभवत्संवरो; सं. - मुनि श्रीत्रैलोक्यमण्डनविजयजी, प्रत - श्रीधुरन्धरविजयजी-सङ्ग्रहगत ओळियु; अङ्क ६०, पृ. ६४-८२. १४. राजनगर(-अमदावाद) बिराजमान श्रीविजयदेवसूरिजी पर योधपुर( जोधपुर)थी पं. श्रीलावण्यविजयजी द्वारा लिखित, संस्कृत, ९१ श्लोक, आदि - स्वस्तिश्रीः श्रयणीयमंहिकमलं श्रान्तेव यस्याऽऽश्रयत्; सं. – मुनि श्रीत्रैलोक्यमण्डनविजयजी, प्रत - श्रीधुरन्धरविजयजी-सङ्ग्रहगत ओळियुं; अङ्क ६०, पृ. ८३-९०, (विज्ञप्तिलेखसङ्ग्रहमां प्रकाशित - क्र. १८, पृ. १८५-१८९). सिंहरोधिका(-शिरोही?) बिराजमान श्रीविजयदेवसूरिजी पर भुजथी उपाध्याय श्रीअमरचन्द्रजी द्वारा लिखित, सं. १६८५(?), संस्कृत, ११२ श्लोक, आदि - स्वस्तिश्रीर्यत्पदाम्भोजं भेजे भृङ्गीव सादरम्; सं. - मुनि श्रीत्रैलोक्यमण्डनविजयजी, प्रत - श्रीधुरन्धरविजयजी-सङ्ग्रहगत ओळियु; अङ्क ६०, पृ. ९१-९९. १६. सूर्यपुर(-सूरत) बिराजमान श्रीविजयदेवसूरिजी पर राजपुरथी उपाध्याय

Loading...

Page Navigation
1 ... 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147