Book Title: Anusandhan 2015 12 SrNo 68
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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डिसेम्बर - २०१५
४७
प्रकाशन; सं. – मुनि श्रीत्रैलोक्यमण्डनविजयजी, प्रत - श्रीविजयशीलचन्द्र
सूरि-सङ्ग्रहगत ओळियुं अङ्क ६१, पृ. ७६-८६. ३९. श्रीविजयप्रभसूरिजी पर सप्तपर्णीपुर(-सादडी)थी पं. श्रीदर्शनविजयजी
द्वारा लिखित, संस्कृत, ६ श्लोक, ६ठ्ठो श्लोक 'महासमुद्र'नामना दण्डक छन्दमां, १ चरणमां ९९९ अक्षर, आदि - स्वस्तिश्रीमदमन्दनन्दनमन्नाकीन्द्रचूडामणि०; सं. - मुनि श्रीत्रैलोक्यमण्डनविजयजी, प्रत - श्रीधुरन्धर
विजयजी-सङ्ग्रहगत ओळियु अङ्क ६१, पृ. ८७-९२. ४०. जीर्णदुर्ग(-जूनागढ) बिराजमान श्रीविजयप्रभसूरिजी पर सादडीथी मुनि
श्रीमेरुचन्द्रजी द्वारा लिखित, संस्कृत, गद्य-पद्य, आदि - स्वस्तिश्रीसदनं जिनेशवदनं स्तौम्यन्वहं सुन्दरम्; सं. – मुनि श्रीसुयशचन्द्र-सुजसचन्द्रविजयजी, प्रत - लालभाई दलपतभाई विद्यामन्दिर, क्र. ४३४१३; अङ्क ६१, पृ.
९३-९५. ४१. वर्गवटी(-वगडी) बिराजमान श्रीविजयप्रभसूरिजी पर राजनगर(
अमदावाद)थी उपाध्याय श्रीयशोविजयजी द्वारा लिखित, संस्कृत, ३८ श्लोक, आदि - स्वस्तिश्रीमान् गुरुरपि कविप्रेमपात्रं प्रकामम्; सं. - मुनि श्रीसुयशचन्द्र-सुजसचन्द्रविजयजी, प्रत - लावण्यविजय ज्ञानभण्डार -
राधनपुर, क्र. ९६३; अङ्क ६१, पृ. ९६-१००. ४२. शुद्धदन्त(-सोजत) बिराजमान श्रीविजयरत्नसूरिजी पर राजनगर(
अमदावाद)थी उपाध्याय श्रीयशोविजयजी द्वारा लिखित, संस्कृत, ३९ श्लोक, आदि - स्वस्तिश्रियाऽऽश्रितमनिन्दितमंहिपद्मम्; सं. - मुनि श्रीसुयशचन्द्र-सुजसचन्द्रविजयजी, प्रत - लावण्यविजय ज्ञानभण्डार -
राधनपुर, क्र. ९६३; अङ्क ६१, पृ. १०१-१०४. ४३. वर्गवटी(-वगडी) बिराजमान श्रीविजयप्रभसूरिजी पर (बीजापुर - कर्णाटक
पासे) स्याहपुर (-शाहपुर)थी उपा. श्रीयशोविजयजी → पं. श्रीतत्त्वविजयजी द्वारा लिखित, सं. १७३५, संस्कृत, ८५ श्लोक, आदि - स्वस्तिश्रियां चन्दिरमन्दिरं सद्देवाधिदेवं क्षपितान्तरारिम्; सं. - मुनि श्रीसुयशचन्द्रसुजसचन्द्रविजयजी, प्रत - शेठ आणंदजी कल्याणजी जैन ज्ञानभण्डार - लींबडी; अङ्क ६१, पृ. १०५-११२.

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